स्वतंत्रता सेनानी वीर कुंवर सिंह के प्रपौत्र की संदिग्ध मौत, पुलिस पर आरोप, जमकर बवाल

AJ डेस्क: 1857 की क्रांति के महानायक वीर कुंवर सिंह के प्रपौत्र की मंगलवार को संदिग्ध हालात में मौत हो गई। उन्होंने जगदीशपुर के रेफरल अस्पताल में दम तोड़ा। 45 साल के कुंवर रोहित सिंह उर्फ बबलू सिंह जगदीशपुर नगर के वार्ड संख्या-18 निवासी स्व. कुंवर विजय सिंह के बेटे थे। मौत की सूचना के बाद परिजन और ग्रामीणों ने जमकर हंगामा मचाया। मृतक की मां पुष्पा सिंह ने पुलिस की पिटाई से बेटे की मौत का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि- मेरे बेटे की हत्या हुई है। कार्रवाई नहीं हुई तो देश हिल जाएगा। मां ने पीएम मोदी और नीतीश कुमार से न्याय की गुहार लगाई है।

 

 

सैकड़ों की संख्या में पहुंचे लोगों ने अस्पताल प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। घटना की सूचना मिलते ही SDPO श्याम किशोर रंजन, एसडीएम सीमा कुमारी सहित कई अधिकारी पहुंचे और समझा-बुझाकर मामला शांत कराया।

 

 

आजादी के अमृत। महोत्सव के दौरान 22 अप्रैल को गृह मंत्री अमित शाह भोजपुर के जगदीशपुर में बाबू वीर कुंवर सिंह के किला का दौरा करने वाले है। इस दौरान वह खुद उनके परिजनों को सम्मानित करने है। इससे पूर्व यह घटना ने सभी को चौंका दिया है। मृतक की मां पुष्पा सिंह ने प्रशासन की मिलीभगत से बेटे की हत्या का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि वीर कुंवर सिंह किला प्रांगण में मेरे बेटे रोहित उर्फ बबलू सिंह ने किले में CIT जवानों के गलत कामों का विरोध किया था। वो लोग वहां शराब और हेरोइन बेचते हैं। लड़कियां भी लाई जाती है। बेटे ने इसी का विरोध किया तो पीट-पीटकर उसे अधमरा कर दिया। और सोमवार देर शाम उसे रेफरल अस्पताल के गेट के सामने फेंक दिया। मंगलवार की शाम उसकी मौत हो गई। मृतक की मां ने रेफरल अस्पताल के प्रभारी पर भी जानबूझकर मारने का आरोप लगाया है।

 

 

कुंवर रोहित सिंह उर्फ बबलू सिंह की मौत के बाद पीड़ित परिजन काफी आक्रोशित है। मृतक की मां पुष्पा सिंह ने बताया कि वीर कुंवर सिंह के पोते की हत्या हुई है। सरकार से मांग करती हूं कि घटना की जांच करें। नहीं तो देश हिल जाएगा। कहा कि वीर कुंवर सिंह के नाम पर महज घोषणा और आश्वासन मिलता है। दोषी पुलिस प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो अमित शाह का कार्यक्रम नहीं होने दूंगी और आत्मदाह करूंगी।

 

 

पुष्पा सिंह के चार बेटे और चार बेटियां हैं। मृतक बबलू सिंह दूसरे नंबर पर थे। घटना की सूचना मिलते ही SDPO श्याम किशोर रंजन, एसडीएम सीमा कुमारी, थानाध्यक्ष संजीव कुमार, अंचलाधिकारी कुमार कुंदन लाल, धनगाई थानाध्यक्ष कंचन कुमारी, आयर थानाध्यक्ष प्रदीप भास्कर, बीडीओ राजेश कुमार, नगर कार्यपालक पदाधिकारी विनय कुमार समेत काफी संख्या में पुलिस के जवान रेफरल अस्पताल पहुंच आक्रोशित लोगों को समझाने में जुट गए। वहीं पुलिस अधीक्षक विनय तिवारी ने परिजनों द्वारा लगाए जा रहे आरोप को गलत बताया है। SP ने कहा कि परिजन के आवेदन के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

 

 

घटना से आक्रोशित मृतक के परिजनों और लोगों की भीड़ ने पांच घंटे से अधिक समय तक शव को उठने नहीं दिया। ग्रामीणों और अधिकारियों के बीच नोक झोंक भी हुई। एसडीएम सीमा कुमारी और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों, मृतक के परिजनों, भाई कुंवर अजय प्रताप सिंह की मौजूदगी में काफी देर तक बातचीत चली। जांच के बाद उचित कार्रवाई का भरोसा दिया गया। इसके बाद आक्रोशित परिजन माने और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल आरा ले जाया गया।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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