सराहनीय: गंगा की लहरों के किनारे अपना भविष्य संवारने में लगे हैं छात्र

अरुण कुमार तिवारी…

AJ डेस्क: पटना का ये गंगा घाट, गंगा-यमुना तहजीब का गवाह सदियों से रहा है। देश में भले ही मंदिर-मस्जिद और लाउड स्पीकर पर विवाद छिड़ा है, लेकिन उससे अलग एक तरफ पटना के गंगा घाट पर लोग आस्था की डुबकी लगा रहे है, तो दूसरी तरफ हजारों की संख्या में ये छात्र अपने सुनहरे भविष्य की तैयारियो में जुटे है। गंगा की लहरों के किनारे भविष्य को संवारने में लगे छात्रों का यह हुजूम सुबह सूरज की पहली किरण के साथ ही जुटने लगते है।

 

 

पटना के काली घाट और कदम घाट पर हर शनिवार और रविवार को छात्रों की भीड़ जुटने लगती है और जैसे ही पांच बजता है सभी अनुशासित ढंग से घाट की सीढ़ियों पर अपनी जगह ले लेते है और साढ़े छह बजे तक उनका यह क्लास चलता है।

 

 

 

 

 

 

दरअसल बिहार के छात्र अपनी जीवटता और मेहनत के लिए जाने जाते हैं। देश के साथ विदेशों में भी बिहार के छात्रों ने अपना लोहा मनवाया है। प्रदेश की रजधानी पटना छात्रों का गढ़ रहा है। यहां विभिन्‍न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र अध्‍ययन अध्‍यापन करते हैं। यह तस्‍वीर बिहार के छात्रों की मेहनत और प्रतिकूल परिस्थित‍ियों में भी संघर्ष करने की उनकी क्षमता को दिखाता है।

 

 

कहते हैं जहां चाह है, वहीं राह है। पटना मे रेलवे की कोचिंग चलाने वाले एस के झा कहते है की उनके कोचिंग मे इतनी जगह नहीं थी की वो दो से ढाई हजार छात्रों को पढ़ा सके और उनका टेस्ट ले सके। इसी बीच ख्याल आया की क्यों न गंगा के किनारे यह कार्य किया जाए। उन्होंने बताया कि खुले आसमान और गंगा की निर्मल धारा के किनारे शुरुवात छोटी थी, लेकिन आज यह बड़ा मुहीम बन गया है। यहाँ छात्रों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता, बल्कि उन्हें प्रश्नपत्र शेट दिया जाता है। बिहार ज्ञान की स्थली रही है और यहाँ मेधावियों की भी कोई कमी नहीं है।

 

 

 

 

 

 

जिस तरह कोटा इंजीनियरिंग की पढ़ाई का हब कहा जाता है, उसी तरह पटना रेलवे की तैयारियो का हब बन चुका है। आज पटना में न सिर्फ बिहार के अलग-अलग जिलों से बल्कि झारखण्ड, उतर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान से भी छात्र बड़ी संख्या में आकर तैयारी कर रहे है। गंगा घाट किनारे कई ऐसे छात्र मिले, जो राजस्थान और यूपी सहित दूसरे राज्यों से आए है। उनका कहना है की पढ़ाई को लेकर ऐसा जूनून उन्होंने कही नहीं देखा। RRB ग्रुप D की जून में परीक्षा होने वाली है। इसके लिए बिहार के छात्रों ने बड़ी तादाद में आवेदन किया है। परीक्षार्थी इस बार तैयारी में कोई कसर छोड़ना नहीं चाहते हैं। इसी का नतीजा है कि ये अभ्यर्थी गंगा घाटों पर अहले सुबह ग्रुप बनाकर पढ़ाई में जुट जाते हैं। गंगा घाट की सीढ़ियों पर बैठकर रोज डेढ़ से दो घंटे तक तैयारी करते हैं। इस दौरान छात्र एक-दूसरे की मदद भी करते हैं।

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