कर्तव्य: पत्नी के पीठ पर सवार होकर पहुंचा मतदान कर्मी
AJ डेस्क: शारीरिक पीड़ा पर कर्तव्य इतना भारी पड़ा कि चलने में असमर्थ होने पर भी ड्यूटी के लिए तैनात हो गया। वह भी पत्नी के कंधों पर सवार होकर। चतरा कॉलेज परिसर में शुक्रवार को जिसने भी यह नजारा देखा, मतदान कर्मी की कर्तव्य निष्ठा को देखने वाले एक बार तो ठिठक कर तारीफ करता ही नजर आया।
चतरा जिला के तीन प्रखंडों में होनेवाले मतदान को लेकर तैयारी शुक्रवार को चरम पर थी। चतरा कालेज परिसर में शुक्रवार सुबह जब मनोज उरांव अपनी पत्नी की पीठ पर सवार होकर पहुंचे तो वहां मौजूद लोगों की नजर उस पर टिक गई। बात करने पर पता चला कि मनोज उरांव सीसीएल के अशोका ओसीपी (पिपरवार यूनिट) में हेल्पर के पद पर कार्यरत है। पिछले दिनों उसके पैर में चोट लग गई। साथ ही वह बीमारी की चपेट में भी आ गए। कई दिनों से चलने-फिरने में असमर्थ हैं। बावजूद इसके पंचायत चुनाव में ड्यूटी के लिए उसे फरमान थमा दिया गया। आदेश आ गया तो उसे टालना न मनोज को सही लगा और न उसकी पत्नी को, पर सवाल था कि ड्यूटी स्थल पर पहुंचे तो कैसे पहुंचे। समाज में अबला समझी जाने वाली महिला यानि उसकी पत्नी ऐसी घड़ी में आगे आई और पति के कर्तव्य का रास्ता साफ किया। मनोज की पत्नी अपने पति को कंधे पर चढ़ा कर कॉलेज कैंपस तक पहुंचायी। हालांकि बाद में मनोज उरांव को मतदान ड्यूटी पर नहीं भेजा गया। मेडिकल बोर्ड की टीम ने उसे अनफिट बताया और बेड रेस्ट की सलाह दी।
बहरहाल, जहां मनोज और उसकी पत्नी की कर्तव्य निष्ठा की सबने तारीफ की, वहीं सवाल यह भी उठा कि उसे इस बीमारी की हालत में आखिर क्यों और कैसे किसी को मतदान ड्यूटी में लगाया गया था?