खुलासा: पुरानी रंजिश और एक क्षत्र राज कायम करने के लिए रंजीत की हत्या हुई
AJ डेस्क: धनबाद जेल में बंद भोलू यादव और सद्दाम ने अपने दोस्त विजय गर्ग के काला साम्राज्य में रोड़ा बन रहे रंजीत साव की हत्या करने की न सिर्फ योजना बनाई बल्कि हत्या करवा भी दिया। मात्र सत्तर हजार रुपए में टायर व्यवसाई रंजीत की हत्या अपराधियों ने कर दी। धनबाद के एसएसपी संजीव कुमार ने आज रंजीत हत्याकांड का परत दर परत खोल दिया। रंजीत की हत्या रंगदारी के कारण नहीं हुई थी और जेल में बन्द अपराधी शहर का माहौल बिगाड़ते हैं, यह एक बार फिर प्रमाणित हो गया।
धनबाद के एसएसपी संजीव कुमार ने रंजीत हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि झरिया का विजय गर्ग जन वितरण प्रणाली के राशन की कालाबाजारी का मास्टर माइंड है। विजय गर्ग पीडीएस के कालाबाजारी की दुनिया में एक क्षत्र राज कायम करना चाहता था। पीडीएस के अनाज की कालाबाजारी करने के आरोप में विजय गर्ग हाल ही में जेल भी गया था। जेल में वह भोलू यादव के साथ रहता था। उसी दौरान उसने भोलू यादव से रंजीत साव की हत्या कराने की बात की। जेल में ही यह प्रोग्राम सेट हो गया।
जमानत पर जेल से विजय गर्ग के छूटने के बाद भोलू यादव ने उससे संपर्क किया और एक व्यक्ति के यहां एक लाख रुपया पहुंचा देने की बात कही। विजय गर्ग ने उतनी राशि पहुंचा दिया। बाद में भोलू यादव का भाई और हुमायूं खान ने उस व्यक्ति से रुपया ले लिया जिसमे से भोलू यादव के भाई को तीस हजार और हुमायूं को सत्तर हजार मिले। जेल से सद्दाम और भोलू ने हुमायूं को कहा कि वह पिस्टल का इंतजाम रखे, दो बाहरी लोग जाएंगे, उन्हे पिस्टल दे देना है। विजय गर्ग नही चाहता था कि उसका नाम और चेहरा किसी के सामने आए।
एसएसपी संजीव कुमार ने बताया कि योजना के मुताबिक दो शूटर आए, जिन्हे हुमायूं ने पिस्टल उपलब्ध करा दिया। दोनों शूटर ने रंजीत साव को गोली मार दी। भोलू प्लान के मुताबिक दोनों शूटर को सुरक्षित बोकारो तक भेजवा दिया।
एसएसपी संजीव कुमार ने घटना के बाद तत्काल रिश्मा रमेष्ण (सिटी एसपी) और सिंदरी डी एसपी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया और टेक्निकल सेल के सहयोग से अपराधियों का सुराग ढूंढने में सफल हुए। दूसरी ओर एसएसपी ने न्यायालय में कुछ लोगों का 164 के तहत बयान भी दर्ज करवा दिया। रंजीत हत्या कांड में शामिल भोलू और सद्दाम पहले से ही जेल में बन्द हैं। हुमायूं और विजय गर्ग को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। हुमायूं के पास से बरामद पिस्टल को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।
एसएसपी संजीव कुमार ने कहा कि पिछले छह सात महीने में जो भी घटनाएं हुई हैं, धनबाद पुलिस ने सभी कांडो का उदभेदन किया है। अपराधी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल जहां भी भागकर शरण लेवें, हमारी टीम उन्हें खींचकर धनबाद ले आई है। धनबाद जिला में कोई अपराध करने की सोचेगा तो उसे पुलिस किसी हाल में नही बख्शेगी।