बच्चे को डसते ही कोबरा मर गया और बच्चा है सुरक्षित

AJ डेस्क: गोपालगंज में 4 साल के बच्चे को खेलते वक्त सांप ने काट लिया। 1 मिनट बाद ही सांप की तड़प-तड़पकर मौत हो गई। बच्चा पूरी तरह से ठीक है। इसके बाद बच्चे को अस्पताल में देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई।

 

 

मामला मामला कुचायकोट थाना के खजूरी पूर्व टोला का है। 4 साल का अनुज कुमार अपने मामा घर खजूरी आया था। घर के बाहर ही खेल रहा था। तभी उसे सांप ने काट लिया। वो दौड़ते-दौड़ते घर के अंदर आया और अपनी नानी को बताया कि उसे सांप ने काट लिया है। नानी जैसे ही बाहर निकली तो देखा की गेहुअन सांप धीरे-धीरे जा रहा था। परिवार ने बच्चे को घर पर ही प्राथमिक इलाज देना शुरू किया। उसे अस्पताल ले जाने की तैयारी होने लगी। तभी लोगों ने देखा की सांप की तड़प-तड़पकर मौत हो चुकी थी।

 

 

घटना को लेकर अनुज की मां ने बताया कि अनुज घर के द्वार पर खेल रहा था। इसी बीच एक जहरीले सांप कही से आया और उसे डंस लिया। जिसके बाद वह रोता हुए आया और हमे पूरी बात बताई। उस वक्त घर में मामा बुआ के अलावे अन्य कई लोग भी मौजूद थे। ऐसे में अनुज की बात सुन हम सब का होश उड़ गया। तभी उसके मामा ने जैसे ही बाहर जाकर देखा कि एक जहरीला सांप मरा पड़ा था। इस घटना के बाद सहसा किसी को विश्वास नहीं हुआ कि आखिर ये सांप कैसे मर गया।

 

 

 

 

 

 

इधर, बच्चे के मामा रतिकांत ने बताया कि जैसे ही मुझे भांजे ने बताया कि उसे सांप ने काट लिया। वैसे ही मैं दौड़कर बाहर गया। तब तक सांप धीरे-धीरे रेंग रहा था। लेकिन महज एक मिनट के अंदर ही सांप वहीं पर तड़प-तड़पकर मर गया। किसी ने सांप को छुआ भी नहीं था। सांप के मर जाने के बाद हम उसे डब्बे में बंद कर दिया। जिसके बाद हमने सांप को फेंक दिया। परिवार वाले बच्चे और मरे हुए सांप को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे। डॉक्टर ने बच्चे का इलाज किया इसके बाद बताया की वो ठीक है। सांप और बच्चे को देखने के लिए अस्पताल के बाहर लोगों की भीड़ जुट गई।

 

 

एशिया हॉस्पिटल, पटना के जूलॉजी स्पेशलिस्ट डॉक्टर मनमोहन ने बताया कि हर इंसान के अंदर एक रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है। जो अलग-अलग प्रकार की होती है। उस चार साल के बच्चे के अंदर जो प्रतिरोधक क्षमता होगी, हो सकता है कि वो सांप के लिए हानिकारक हो और उसकी वजह से सांप की मौत हो गई। हालांकि इस बात कि पूरी तरह पुष्टि नहीं की जा सकती है। ये एक जांच का विषय है। उस बच्चे के प्रतिरोधक क्षमता की जांच के बाद ही शायद कुछ नई बात सामने आ सके।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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