खूनी तेंदुए ने उड़ाई ग्रामीणों की नींद, एक बच्चे को बनाया शिकार
AJ डेस्क: झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व से सटे इलाकों में इन दिनों आदमखोर तेंदुए का खौफ है। गढ़वा और इसके आसपास के इलाकों में में लगातार हो रहे तेंदुए के हमले ने लोगों को दहशत में डाल रखा है। गढ़वा में एक बार फिर से तेंदुएं ने बारह साल के एक बच्चे की जान ले ली, वहीं एक बैल पर भी हमला कर उसे मार डाला।
तेंदुआ ने बुधवार को रामकंडा रेंज के पास के गांव कुसवार में हरेंद्र घांसी नामक 12 साल के बच्चे पर हमला किया और उसे मार डाला। गांव वालों के अनुसार हरेंद्र अपने दोस्तों के साथ गांव में खेलकर वापस घर लौट रहा था। इसी समय तेंदुए ने उसपर हमला किया और उसकी गर्दन को अपने जबड़े से दबाकर जंगल में ले जाने लगा। यह देखकर हरेंद्र के दोस्त जोर-जोर से चिल्लाने लगे। शोर सुनकर आस-पास के लोग इकट्ठा हुए जिसके बाद तेंदुआ बच्चे को छोड़कर जंगल में भाग गया।
बच्चे पर हमला करने के बाद तेंदुआ फिर गांव लौटा और उसने इसी गांव में मंसूर मंसूरी के मवेशियों पर हमला किया और उसके एक बैल को मार डाला,जबकि एक अन्य बैल को घायल कर दिया। इससे पहले गढ़वा जिले के हीं मंगराही गांव में एक छह साल की छोटी बच्ची अनीता पर तेंदुए ने हमला किया था। इस हमले में अनीता गंभीर रूप से घायल हो गई थी। इस हमले में भी परिजनों के शोर मचाने पर तेंदुआ घायल बच्ची को छोड़कर जंगल में भाग गया था।
पलामू टाईगर रिजर्व से सटे इलाकों में अब तक आदमखोर तेंदुए ने चार बच्चों की जान ले ली है। इस तेंदुए का शिकार इलाके के कई मवेशी भी हो चुके हैं। पहली घटना इस वन क्षेत्र से सटे लातेहार जिले में घटी, जहां पाठ्य सामग्री खरीदने दुकान जा रही बच्ची पर तेंदुए ने हमला कर उसे मार डाला था। वहीं गढ़वा जिले के रोदो गांव में बिस्किट खरीदने जा रहे एक बच्चे को आदमखोर तेंदुए ने अपना शिकार बना उसकी जान ले ली थी। गढ़वा के ही सेवा डीह गांव में शौच के लिए जा रही एक सात साल की बच्ची पर तेंदुए ने हमला कर उसे मार डाला।
वन वन विभाग की टीम इस खूनी तेंदुए के पकड़ने के लिए तमाम प्रयास कर रही है, लेकिन अब तक यह वन विभाग की पकड़ से बाहर है। वन विभाग ने मंगराही गांव में तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा और ट्रेपिंग कैमरा भी लगाया पर तेंदुआ अपनी चालाकी से पकड़ से बाहर रह हमलों को अंजाम दे रहा है।
झारखंड में लगातार हो रहे तेंदुए के हमले का मुद्दा झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी उठ चुका है। जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने इसे विधानसभा में उठाते हुए सरकार से आग्रह किया था कि इसका संज्ञान लेकर त्वरित कार्रवाई करें। सरयू राय ने कहा था कि एनटीसीए की गाइडलाईन के अनुसार अगर बाघ, तेंदुआ या अन्य कोई वन्यजीव किसी मनुष्य को मार देता है और खा लेता है तो सबसे पहले उसे आदमखोर घोषित किया जाना चाहिए। परन्तु आश्चर्य है कि झारखण्ड सरकार के वन विभाग ने अब तक इस तेंदुआ को आदमखोर घोषित नहीं किया है और इसे पहचान कर गिरफ्त में लेने के लिए की जा रही कार्रवाई को सार्वजनिक नहीं किया है। साथ ही इस पर भी ध्यान देना चाहिए कि पलामू टाईगर रिजर्व में तेंदुआ के आहार में क्या कमी हो गई है कि वह बाहर निकलकर हिंसा कर रहा है और बच्चों को मार कर खा रहा है।
तेंदुए द्वारा लगातार हो रहे हिंसक हमलों को लेकर टाइगर रिजर्व के आसपास के ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति नाराजगी देखी जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग इतने बड़े मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रहा है। वही हर दिन कोई ना कोई इस खूनी तेंदुए का शिकार हो रहा है।
