देव में भव्य “सूर्य महोत्सव” आरंभ, निकली रथयात्रा
AJ डेस्क: औरंगाबाद के विश्व प्रसिद्ध सौर तीर्थस्थल देव स्थित धार्मिक, आध्यात्मिक, पौराणिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर की महिमा को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन के मानचित्र पर सुस्थापित करने तथा देशी-विदेशी पर्यटको को आकिर्षत करने के उदेश्य से प्रतिवर्ष आयोजित किये जानेवाले महोत्सव की कड़ी में इस बार 2023 का तीन दिवसीय सूर्य महोत्सव शनिवार से आरंभ हो गया है।
महोत्सव के दौरान विश्व के इकलौते पश्चिमाभिमुख सूर्य मंदिर को आकर्षक तरीके से सजाया गया है। मंदिर की नयनाभिराम सजावट देखते ही बन रही है। इस दौरान मंदिर में अचला सप्तमी की विशेष पूजा आयोजित की गयी। गौरतलब है कि अचला सप्तमी भगवान सूर्य का जन्म दिवस है। इस कारण इस दिवस की विशेष धार्मिक महता है। इसी कारण अचला सप्तमी के दिन ही यहां सूर्य महोत्सव की शुरूआत की जाती है। अचला सप्तमी के अवसर पर त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर में मंदिर के प्रधान पुजारी सच्चिदानंद पाठक के नेतृत्व में आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ किया गया। विशेष पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालुओं एवं भक्तों के बीच प्रसाद वितरण किया गया।
देववासियों ने भी अचला सप्तमी के त्योहार को लेकर व्रत रखे है। आज के दिन उनके द्वारा अपने घरों को भी सजाया गया है और वें नमक का सेवन नही कर रहे है। इसी कड़ी में सूर्य महोत्सव की शोभा में चार चांद लगाने को लेकर सूर्य नगरी में पर्यटन विकास केंद्र के तत्वावधान में भव्य सूर्य रथ यात्रा निकाली गई। रथयात्रा में करीब 10 हजार श्रद्धालुओं एवं सूर्य भक्तों ने भाग लिया। रथ पर भगवान सूर्य की आकर्षक प्रतिमा स्थापित की गई थी और रथ पर सवार सूर्यदेव ने करीब चार घंटे तक नगर भ्रमण किया। रथ यात्रा देव किला के पास से आरंभ होकर पूरे देव बाजार, गोदाम, सूर्यकुंड, चौरसिया नगर, बरई बिगहा, मुख्य सड़क एवं दीवान बिगहा सहित अन्य स्थानों का भ्रमण करती हुई वापस देव किला के पास आकर समाप्त हुई। इस दौरान हजारों महिला एवं पुरुष श्रद्घालु तथा भक्तगण भगवान सूर्य की जय, जय सूर्यदेव, जय भास्कर आदि गगनभेदी नारे और जयकारा लगाते रहे। इस दौरान संपूर्ण सूर्य नगरी भक्तिमय माहौल में रंगी नजर आई।