सेना के 40 अधिकारियों को प्रशिक्षण दे रहा सीएसआईआर

AJ डेस्क: सीएसआईआर केंद्रीय खनन व ईंधन अनुसंधान संस्थान धनबाद में भारतीय सेना के पूर्वी कमांड के अधिकारियों को हिमालयन क्षेत्रो में भूमिगत खनन तकनीक से युद्ध कौशल की जानकारी हासिल करने के लिए 40 आर्मी ऑफिसर 15 दिनों तक प्रशिक्षण लेंगे। यह प्रशिक्षण सेना को विवधताओं से भरे हिमालय क्षेत्रों और दुनिया के सबसे दुर्गम क्षेत्रों में भी भूमिगत सुरंग बनाने, हथियारों की सुरक्षा और बचाओ में महत्वपूर्ण साबित होगा।
सीएसआईआर केंद्रीय खनन अनुसंधान संस्थान धनबाद में भारतीय सेना के पूर्वी कमांड के अधिकारियों को हिमालयी क्षेत्र जो विश्व के सबसे दुर्गम क्षेत्रों में से एक है। यहाँ विभिन्न प्रकार की चट्टाने और तरह-तरह की मिट्टी की मौजूदगी के कारण सेना के लिए सुरंग का निर्माण करना काफी कठिन कार्यो में से एक है। वहीं सिंफर के वैज्ञानिकों को सुरंग व कंट्रोल्ड ब्लास्टिंग में महारत हासिल है। इसी वजह से सिंफर की रणनीतिक विशेषज्ञता का प्रशिक्षण अब सेना के पूर्वी कमांड के अफसरों को दिया जा रहा हैं। सिंफर के 15 वैज्ञानिक भूमिगत खदान से संबंधित विभिन्न विषयों पर सेना के अफसरों को जानकारी देंगे। साथ ही ये आर्मी के अफसर भूमिगत खदानों का भी दौरा करेंगे। यह प्रशिक्षण 15 दिनों का होगा। इस प्रशिक्षण में भारतीय सेना के पूर्वी कमांड के अधिकारी व जूनियर अधिकारियों को भूमिगत उत्खनन तकनीक के बारे में जानकारी दी जाएगी।
15 दिनों तक चलने वाली यह प्रशिक्षण धनबाद के सिंफर में आयोजित किया जाएगा। जिसमें सिंफर के वैज्ञानिक आर्मी के अधिकारियों को भूमिगत तकनीक से दुर्गम क्षेत्रों में सुरंग बनाने, हथियार की सुरक्षा, बिस्फोट, बचाव और सीमा क्षेत्र में सुरंग युद्ध के लिए महत्वपूर्ण जानकारी देंगे। जिससे दुश्मनो से लोहा लेने और बचाव में सुरंग अहम भूमिका निभाएगा। बता दें कि सिंफर के वैज्ञानिक BRO के साथ मिलकर सुरंग और सड़क आदि का निर्माण कर रहे हैं, लेकिन यह पहली बार है जब सिंफर में इतनी बड़ी संख्या में आर्मी के अफसरों को सुरंग बनाने का प्रशिक्षण देने के लिए धनबाद स्थित सिंफर बुलाया गया है।
सिंफर के वरिष्ठ प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. सिद्धार्थ सिंह ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा- ‘हमारे वैज्ञानिक बॉडर इलाको में BRO और ऑर्गनाईजर के साथ मिलकर काम कर रहा हैं। सिंफर जो काम करता हैं उस काम पर आर्मी के अधिकारियों को विश्वास पैदा हुआ हैं। उसी को देखते हुए आर्मी के 40 अधिकारियों को प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया हैं।’