रांची में जिस्मफरोशी : स्मार्टफोन टच करते ही रात रंगीन करने का इंतजाम

AJ डेस्क: स्मार्टफोन टच करते ही रात रंगीन करने का इंतजाम। कालेज गर्ल से लेकर मॉडल तक उपलब्ध। यहां तक की उसके स्वास्थ्य होने और कोरोना टीकाकरण के सभी टीके के प्रमाण पत्र की पूरी गारंटी। दावा यह कि आपके साथ रात रंगीन करने वाली लड़की पूरी तरह मेडिकली टेस्टेड है। यानि, ये कि जिस्मानी संबंध बनाने वाले पर एड्स और कोरोना जैसी महामारी का खतरे का टेंशन दिल और दिमाग में न आए। पेमेंट के मोड भी पहले इस्तेमाल करो फिर विश्वास करो वाला है। मतलब पोस्टपेड मोड। दावों की ये फेहरिस्त है रांची में चल रहे देहव्यापार के ऑनलाइन कोठों की।

 

 

ऐसे काम करते हैं ये ऑनलाइन कोठे-

रांची जैसे छोटे शहर में जिस्मफरोशी के ऑनलाइन कोठे चल रहे हैं।‌‌ वैसे तो रांची में कभी भी कोई, कोठा या रेडलाइट एरिया नहीं रहा है। स्टेशन और कुछ सरकारी इमारतों की बाउंड्री के पास देह का धंधा करने वाली महिलाओं की जमात ढलते शाम जुटती रही है, लेकिन इन दिनों रांची में यह बाजार अलग-अलग नमो से आनलाइन संचालित हो रहा है। मीडिया पड़ताल में आधा दर्जन से अधिक वैसे वेबसाइट सामने आए है जो अलग-अलग पैकेज के साथ रातें रंगीन करने को कार्ल गर्ल उपलब्ध कराने का दावा करते हैं। इन वेबसाईट पर कुछ कोर्ड वर्ड भी लिखे हैं जैसे B 2B जिसका मतलब बॉडी टू बॉडी है। जिस्म का धंधा करने वाली लड़कियों को Escort कहते हैं। ऑनलाइन कॉल गर्ल पसंद करने और रेट तय करने के बाद वेबसाइट संचालक या तो खुद होटल उपलब्ध करता है या फिर क्लाइंट के पते पर कॉल गर्ल को भेजता है। कॉल गर्ल के तय ठिकानों पर पहुंचने के बाद तय किए रकम की पूरी राशि चुकानी होती है। इस खेल में बातचीत के लिए व्हाट्सएप कॉलिंग का प्रयोग किया जाता है।

 

 

 

एक ऑनलाइन वेबसाइट का छोटा सा अंश

 

 

 

 

यहां से लाई जाती है धंधे के लिए लड़कियां-

रांची में इस धंधे के लिए ज्यादातर लड़कियां पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल और आसाम से लाई जाती है। शुरू में उन्हें नौकरी दिलाने के नाम पर लाया जाता है और धीरे धीरे उन्हें इस अंधेरी खाई में धकेल दिया जाता है। पैसे के लालच में गरीब लड़कियां इस धंधे में फंस जाती है। सूत्र बताते हैं कि अब पढ़ाई के लिए गांवों से रांची आने वाली लड़कियों को भी इस धंधे में धकेला जा रहा है। आनलाईन तीन हजार से लेकर 10 हजार रुपए तक में एक रात के लिए सौदा तय होता है। इसमें से 70 फीसदी रकम ऑनलाइन धंधा चलाने वाले धंधेबाज रखते हैं जबकि तीस फीसदी रकम धंधा करने वाली युवती को दी जाती है।

 

 

पुलिस दबिश के बाद भी चल रहा धंधा-

रांची पुलिस लगातार जिस्म के इन सौदागरों के धंधों पर दबिश देती रही है, लेकिन इन सब के बाद भी यह धंधा काफी तेजी से पांव पसार रहा है। साइबर क्राईम के कानूनी दाव पेंच का उपयोग भी रैकेट संचालक खूब करते हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »