आखिर उपायुक्त ने किस बात पर प्रकट किया खेद

AJ डेस्क: उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी वरुण रंजन ने आज विधि, नीलाम पत्र, सामान्य, स्थापना, जन शिकायत सहित अन्य शाखा की समीक्षा की। जन शिकायत की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि जनता दरबार, सोशल मीडिया अथवा अन्य माध्यम से प्राप्त शिकायतों का समाधान करें। जिससे प्रशासन की विश्वसनीयता बनी रहे। उन्होंने विभाग वार प्राप्त शिकायतों के आवेदनों का विस्तृत ब्यौरा तैयार करने और शिकायत को 30 दिन से अधिक लंबित नहीं रखने का निर्देश दिया।

 

 

सामान्य शाखा की समीक्षा करते हुए उन्होंने सड़क दुर्घटना में मृतक के आश्रित को मुआवजा देने के मामले को लंबित नहीं रखने का निर्देश दिया। इसी प्रकार कैरक्टर सर्टिफिकेट, जाति प्रमाण पत्र, इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन (ईडब्ल्यूएस), ओबीसी इत्यादि प्रमाण पत्र निर्गत करने में हो रही देरी पर उन्होंने खेद प्रकट करते हुए कहा कि किसी भी प्रमाण पत्र निर्गत करने में 30 दिन से अधिक समय नहीं लगना चाहिए। उन्होंने प्रमाण पत्रों के लंबित मामलों का विस्तृत ब्यौरा भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

 

 

स्थापना शाखा की समीक्षा के दौरान उन्होंने शाखा वार स्वीकृत पद, खाली पद, कार्यरत कर्मियों की संख्या, पेंशन के लंबित मामले, सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों, अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की समीक्षा की। उन्होंने अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के मामले का हर महीने निष्पादन करने का निर्देश दिया।

 

 

उपायुक्त ने आर्म्स लाइसेंस रिन्यूअल, गुर्दा प्रत्यारोपण, पटाखा लाइसेंस, निलाम पत्र, नजारत, विक्टिम कंपनसेशन सहित अन्य की समीक्षा की।

 

 

समीक्षात्मक बैठक में उपायुक्त वरुण रंजन, डीसीएलआर सतीश चंद्रा, कार्यपालक दंडाधिकारी सुशांत मुखर्जी, बंधु कच्छप, रविंद्र कुमार, प्रदीप कुमार सहित अन्य शाखा के पदाधिकारी व कर्मी मौजूद थे।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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