सोनारडीह में मची है काले हीरे की लूट, सुरक्षा कर्मी “आल इज वेल” मूड में

AJ डेस्क: “खतरनाक” आगे यादव-रजनीश का क्षेत्र शुरू होता है। अपनी सुरक्षा के लिए आप खुद जिम्मेवार हैं। जी हां, आशा कोठी के तर्ज पर सोनारडीह में भी बाहरी का प्रवेश वर्जित है। कोयला तस्कर कुछ ऐसा माहौल तैयार कर रखे हैं कि दिन रात चलने वाले उनके अवैध खनन कार्य में कोई बाधा न डाल सके।

 

राजधानी रांची से ताल्लुकात रखता है काले हीरे का लुटेरा रजनीश। फिर दीपक का आशीर्वाद प्राप्त है ही,अब तो यातायात भी सुचारू हो चुका है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि रजनीश का दसों अंगुली घी में डूबा हुआ हैं। माहौल फेवर का है, अब निर्भर करता है कि रात भर में वह कितना ट्रक कोयला निकाल सकता है। सोनारडीह के कोयले का बाजार में डिमांड है। खरीदार लाइन में हैं।

 

बेहतर कोयले की जिस कदर लुट मची है, उससे कोयला कंपनी को अच्छा खासा आर्थिक नुकसान पहुंच रहा है। कोयला कंपनी अपनी संपति की सुरक्षा के लिए सुरक्षा कर्मियों की फौज तैनात कर रखा है। फिर जिला पुलिस की भी भूमिका है। कोयला चुनने वालों पर CISF की गोली, लाठी चल पड़ती है लेकिन हजारों टन कोयला लूटने वालों के साथ वर्दी धारियों का विशेष प्रेम देखने को मिलता है।

 

सोनारडीह और आशाकोठी प्रकरण से वर्दी वालों को सबक सीखना चाहिए। वर्दी के आशीर्वाद से आज फल फूल रहे कोयला चोर अपने फायदे के लिए इन्हीं वर्दी वालों पर हमला करने से भी नहीं चूकते। आशाकोठी का इतिहास सोनारडीह के कोयला चोर न दोहराए, उसके पहले वर्दी वालों को उनका मनोबल कुचल देना चाहिए।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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