VIDEO- भूली में “आन, बान और शान” तिरंगा का क्यूं हो रहा अपमान, आयोजक देंगे जवाब?
AJ डेस्क: अभी अभी देश ने अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाया। उस दौरान पूरे देश ने तिरंगे के नीचे खड़े होकर तिरंगे की आन, बान और शान हमेशा बनाए रखने की शपथ ली, लेकिन ये सब दिखावा था। दरअसल स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर ही हमें तिरंगे के सम्मान की बातें याद आती है, बाकी समय तो वो तिरंगा किसी कोने या कूड़े के ढेर में ही पड़ा धूल फांकता रहता है। यह बात हम यूं ही नहीं कह रहे, इसका सबूत भी हम दिखाएंगे।
तीन सप्ताह पहले ही देश ने बड़े ही हर्षोल्लास के साथ गणतंत्र दिवस सेलिब्रेट किया। इस दौरान एशिया की सबसे बड़ी श्रमिक नगरी भूली स्थित अटल स्मृति पार्क में भी गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराया गया। आयोजकों द्वारा वहां की सजावट कागज से बने छोटे-छोटे तिरंगे से की गई। गणतंत्र दिवस बिता, मुख्य तिरंगे को उतार लिया गया, लेकिन सजावट के लिए वहां लगाए गए तिरंगे को यूं ही छोड़ दिया गया। जो अब धूप और हवा की मार खाकर सड़क और कूड़े के ढेर पर पड़ा अपमानित हो रहा है।
आखिर वो तिरंगा जिसे समारोह के दौरान बड़े ही गर्व के साथ फहराया गया और ये तिरंगा जिसे सजावट के लिए इस्तेमाल किया गया, उन दोनों में क्या फर्क है? क्या इसका जवाब मुझे वहां झंडा फहराने वाले महानुभाव और आयोजन समिति दे सकती है? जहाँ तक मुझे समझ है, भारत की आन, बान और शान तिरंगा, बस तिरंगा है। चाहे वो किसी कपड़े से बना हो या फिर कागज के टुकड़ों से। शायद यही वजह है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार मंच पर इसी तरह के छोटे-छोटे तिरंगे जमीन से उठा कर बड़े ही सामन से अपनी जेब में रखते देखे गए है।
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बहरहाल इस खबर के सामने आने के बाद आनन-फानन में सड़क और कूड़े में ढेर में पड़े इन तिरंगों को वहां से हटा लिया जाएगा और मात्र इसे एक भूल करार दे दिया जाएगा। या फिर ये सोचकर लोग खामोश हो जाएंगे कि, अरे भाई बड़े-बड़े देशों में ऐसी छोटी-छोटी गलतियां तो होती ही रहती हैं।
