“मेढ़ा टू काली माटी” : काले हीरे का लुटेरा “चंदन” बिखेर रहा जलवा
अरुण कुमार तिवारी
AJ डेस्क: काले हीरे के दो नंबरी कारोबार के लिए विख्यात निरसा के मैथन में नाम के अनुरूप “चंदन” महक की जगह दुर्गंध फैला रखा है। प्रकृति की गोद में बसे मैथन की खूबसूरती पर लूट के काले हीरे से ग्रहण लगा रहा है “चंदन”।
यूं तो काले हीरे के अवैध कारोबार के लिए निरसा दशकों से विख्यात रहा है। यहां के माफिया काले हीरे की लूट को लेकर समय समय पर वहां की धरती खून से लाल भी करते रहे हैं। काले हीरे की लूट में बाधा डालने वालों को दिन में तारा दिखाने में भी यह माहिर होते हैं तो दूसरी ओर अवैध खनन के दौरान दुर्घटना घटने से अब तक सैकड़ों मजदूर अपनी जान भी गंवा चुके हैं।
सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे मैथन की खूबसूरती पर चंदन काले हीरे के अवैध कारोबार का काला धब्बा लगा रहा है। पुलिस, CISF सहित किसी भी अन्य एजेंसी का भय मात्र चंदन को नहीं सताता। डंके की चोट पर चंदन चौबीसों घंटे दोनों हाथ काले हीरे की लूट में मशगूल है। मेंढ़ा से काली माटी तक लूटी गई काले हीरे का काफिला देखा जा सकता है।
“सैंय्या भये कोतवाल” तो डर काहे का। चंदन कुछ इस तरह की ही दावा करता है। स्थानीय तंत्र (CISF) सहित अनुमंडल से जिला मुख्यालय और बोकारो होते हुए राजधानी रांची तक महक बिखेरने का दावा करता है चंदन।
अवैध कारोबारी चंदन के इन दावों में कितना दम है, यह तो मालूम नहीं लेकिन दिन दहाड़े लूट मचाए चन्दन के गिरेबान तक प्रशासनिक तंत्र का हाथ नहीं पहुंचना, कुछ तो सोचने पर विवश कर देता है।
