9 जुलाई के देशव्यापी हड़ताल से BMS अलग, कहा -हड़ताल नहीं राजनीति
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AJ डेस्क: धनबाद 9 जुलाई को विभिन्न ट्रेड यूनियन ने देश व्यापी हड़ताल की घोषणा की है।जिसमें पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर 25 करोड़ मजदूर हड़ताल पर रहेंगे। वहीं नौ जुलाई को होने वाली देशव्यापी आम हड़ताल को राजनीति से प्रेरित बता रही भारतीय मजदूर संघ ने खुद को इस आम हड़ताल से बाहर बताया है. बीएमएस के नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि नौ जुलाई की आम हड़ताल को बीएम एस समर्थन नहीं देगी.
इंटक के नेता एके झा ने कहा कि देश के 25 करोड़ मजदूर पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के कल यानी 9 जुलाई को एक दिवसीय हड़ताल पर रहेंगे। सरकार के मजदूर विरोधी और पूंजीवादी सोच के खिलाफ यह हड़ताल है। इसके पहले सरकार से हर प्रयास सफल रहा सरकार ने मजदूरों को लेकर कोई वार्ता नहीं की। सरकार मजदूरों के हक और अधिकार को कुचलकर चलना चाहती है। पूर्व के 44 श्रम कानून को वर्तमान भाजपा सरकार ने खत्म कर दिया है। जब पूरा देश कोरोना से लड़ाई लड़ रहा था। मजदूर सड़कों पर मर रहे थे। उस वक्त भाजपा सरकार ने चार लेबर कोड को पास किया। जब देश में लॉकडाउन की स्थिति थी। चार लेबर कोड कई अधिकार के मजदूरों को अधिकारों को कुचला जा रहा है।इन चार लेबर कोड के खिलाफ जल देशव्यापी हड़ताल है।
वहीं भारतीय मजदूर संघ के केंद्रीय उपाध्यक्ष व कोयला प्रभारी के लक्ष्मा रेड्डी ने धनबाद विश्वकर्मा भवन में मिडिया को सम्बोधित कर कहा कि 9 जुलाई की आम हड़ताल राजनीति से प्रेरित है जिसमे हमारे यूनियन के कर्मी भाग नहीं लेंगे. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के चार श्रम कोड में दो श्रम कोड अच्छे हैं जिसका बीएमएस समर्थन करती है.बाकी ट्रेड यूनियन केवल मजदूरों को दिगभर्मित करने का काम कर रही है. उन्होंने कहा दो अन्य लेबर कोड के मामले में सरकार से वार्ता जारी है. इस तरह हड़ताल पर जाना कही से उचित नहीं है. वार्ता से ही समाधान निकाला जा सकता है.लक्ष्मण रेड्डी ने मजदूरों के विभिन्न मसलों को लेकर बीएमएस के आगामी अभियान की घोषणा की. बताया कि 23 जुलाई से 17 सितंबर तक अभियान चलाया जायेगा, जिसका मुख्य उद्देश्य कोल इंडिया को बचाना और मजदूरों का शोषण रोकना है.उन्होंने कहा पहले कोल इंडिया में स्थायी मजदूरों की संख्या 6 लाख थी, जो अब घटकर 2 लाख से भी कम हो गई है. कोयला उत्पादन में वृद्धि मुख्य रूप से एमडीओ मॉडल, आउटसोर्सिंग, ठेका मजदूर और कोल ब्लॉक शेयरिंग के माध्यम से की जा रही है.
