तस्वीर बोलती है: माननीयों का हस्तमिलन “राजनीति में सब जायज है” (देखें वीडियो)
AJ डेस्क: धनबाद कतरास के लोग कल रविवार का दिन जल्दी नहीं भूल पाएंगे। लम्बे समय के बाद कल ही धनबाद चन्द्रपुरा रेल लाइन पर ट्रेन दौड़नी शुरू हुई, यह तो इतिहास के पन्नों पर दर्ज होगा। साथ ही दूसरा वाकया है कल दो माननीय का सार्वजनिक रूप से हाथ मिलाना। एक ही पार्टी के इन दोनों नेताओं के बीच जिस स्तर का जुबानी जंग छिड़ा हुआ था, उसके बाद इनका हाथ से हाथ मिलना चर्चा का विषय बनना ही था।
राजनैतिक रूप से देखा जाय तो इसके कई मायने निकलते हैं। सभी इस तस्वीर का अपने अपने हिसाब से अर्थ निकाल रहे हैं। जैसे- “हाथ तो मिले, दिल भी मिलेगा क्या?” वहीं एक वर्ग कहता है- ये दोस्ती हम कभी ना——। तो कुछ कहते हैं “राजनीति में सब जायज है”। अब तो आने वाला समय ही बताएगा कि यह हाथ मिलाने का कौन सा अर्थ सही होता है।
लोक सभा चुनाव सिर पर है। बाघमारा विधानसभा क्षेत्र में बाबा को भी “सबका साथ” चाहिए होगा। माननीय हैं कि बाबा को ही धकिया कर खुद दिल्ली जाने का ख्वाब पाले हुए हैं। अनुशासित पार्टी कहे जाने वाले इस संगठन के इन दोनों सिपाही ने तो सभी सीमा और मर्यादा को लाँघ कर एक दूसरे पर जमकर कीचड़ उछाला था। कीचड़ उछाल राजनीति में “कमल फूल” के ही मुरझाने की आशंका प्रबल होने लगी थी। बात राजधानी तक पहुंची। दोनों को “सावधान” कहा गया। तू -तू , मैं-मैं थम गया। कल भाई जी ने अवसर का पूरा लाभ उठाया और हाथ मिलवा दिया। हो सकता है हाल ही में “धाम” का यज्ञ कराने वाले की सद्बुद्धि काम करने लगी हो, पूजा-पाठ का असर हुआ हो। यह हाथ मिलाने की बात दोनों के दिल तक को साफ कर दे। वर्ना इसमें भी राजनीति का खेल हुआ तो फिर “राम” जानें।
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