मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को “वन्दे मातरम” गाने का फरमान, विधायक ने किया इंकार

AJ डेस्क: मध्य प्रदेश में कांग्रेस की नई सरकार ने जहां यह घोषणा की है कि प्रदेश के कर्मचारी हर मंत्रालय परिसर में हर माह की पहली तारीख को पुलिस बैंड के साथ वंदे मातरम राष्ट्रीय गीत का गायन करेंगे, वहीं कांग्रेस के ही एक विधायक ने शरीयत की इजाजत नहीं होने के चलते वंदे मातरम का नारा लगाने से इनकार कर दिया।

 

 

यह मामला तब पैदा हुआ जब भोपाल मध्य विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद ने मंगलवार को सीहोर जिले के श्यामपुर में ऑल इंडिया मेव महासभा के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वंदे मातरम कहने से इनकार कर दिया। इस कार्यक्रम में देशभर के कई प्रांतों से मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शिरकत की। इस कार्यक्रम में मसूद से पहले भाजपा के पूर्व विधायक रमेश सक्सेना ने अपने संबोधन का प्रारंभ और अंत में वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारे के साथ किया। सक्सेना हाल ही में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं।

 

 

सक्सेना के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मसूद ने कहा कि पूर्व विधायक वंदे मातरम का नारा लगा सकते हैं लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि शरीयत मुझे इसकी इजाजत नहीं देती। मसूद ने कहा, मेव समाज की किताबें देखें। इसमें कई योद्धाओं का जिक्र है जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना योगदान दिया।

 

 

कई ऐसे वीर योद्धा हुए जिन्होंने देश के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी। आज भी हम इस मुल्क के लिए जान की बाजी लगाएंगे और कल भी। उन्होंने कहा कि लेकिन अफसोस होता है कि वंदे मातरम का नारा लगाकर यह साबित करना पड़ता है कि हम कितने वफादार हैं। प्रदेश कांग्रेस ने कहा कि ये विधायक आरिफ मसूद के अपने विचार हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष से इस मामले में मसूद से स्पष्टीकरण लेने की मांग की है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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