जिन गलियों में गोलियां गूँजती थी वहां आधी आबादी ने लिखी विकास की गाथा

AJ डेस्क: आज महिला दिवस है तो सबसे पहले बात आधी आबादी की करते है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक नारा तो आपने सुना ही होगा ‘सबका साथ, सबका विकास’। इस नारे के तहत देश की आधी आबादी को सरकार का कितना साथ मिला और उनका कितना विकास हुआ इसकी पड़ताल करने हम गैंग्स के इलाके वासेपुर स्थित नया बाजार मोहल्ला पहुंचे। यहाँ जो हमने देखा वो नजारा सच मुच चौका देने वाला था। दरअसल यहाँ सैकड़ो महिलाए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत न सिर्फ हस्तशिल्प के कार्यो में दक्ष हासिल कर रही थी बल्कि ये महिलाए अब आर्थिक रूप से भी सशक्त होने की बातें कह रही है।

 

 

 

 

वासेपुर की जिन गलियों पे कभी गैंग्स का राज था। वासेपुर की जिन गलियों में कभी गोलियों की तड़तड़ाहट और बमो के धमाके गूंजा करते थें आज उन्ही गलियों में इल्म, तालीम और महिला सशक्तिकरण की चर्चाए हो रही है। न सिर्फ वासेपुर और नया बाजार बल्कि आस पास के इलाको की सैकड़ो महिलाए आज यहाँ कौशल विकास योजना के तहत हस्तशिल्प कलाओं में निपुर्ण होकर आर्थिक रूप से भी सशक्त होने में लगी है। गुलदस्ता, खिलौने, घर के सजावट के सामान सहित कई ऐसी चीजें ये महिलाए अपनी हाथों से बना कर बाजरों में भेज रही है। जिसका उन्हें सीधा लाभ मिल रहा है।

 

 

 

 

लगभग दो सौ महिलाओं का ये ग्रुप प्रति दिन अपने घर का काम निपटा कर यहाँ एकत्रित होती है। जिसके बाद सभी महिलाए भीड़ जाती है अपनी लाचारी और बेबसी को जड़ से उखाड़ फेंकने में। इस ग्रुप की रूबी और प्रमिला देवी बताती है कि एक समय था जब हमारा पूरा दिन घर के कामो में ही निकल जाता था। पैसों की भी भारी कमी रहती थी। क्योंकि घर का एक सदस्य कमाता और बाकी उन चंद रुपयों में किसी तरह महीने भर अपना गुजर बसर करते थे। ये सब देख हमारे अंदर भी कुछ करने की तमन्ना होती थी लेकिन समाज की बेड़िया और किसी तरह का इल्म न होने के कारण हम सभी इस पुरुष प्रधान समाज में एक लाचार की भूमिका निभाने को विवस थे। पर सरकार की कौशल विकास योजना ने न सिर्फ हमें इल्म और तालीम का खजाना दिया बल्कि हमें भी उड़ान भरने का अहम् मौका दिया।

 

 

 

 

वहीं इस सेंटर की इंचार्ज सारधा जमील कहती है कि आज इन महिलाओं के अंदर न सिर्फ आत्मविश्वास जग चुका है बल्कि ये महिलाए अपने इल्म और जस्बे से इस पुरुष प्रधान समाज को जीत लेने पर आमादा है। वो कहती है कि आज महिला सशक्तिकरण के तहत चलाई जाने वाली योजना के कारण इन महिलाओं के घरों की आमदनी लगभग दो गुनी हो चुकी है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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