गरीबों को लेकर एक और वायदा, इस बार राहुल गांधी की ओर से

AJ डेस्क: चुनावी समर आ चुका है। तमाम राजनीतिक पार्टियां वोटर्स को रिझाने के लिए एक से बढ़कर एक चुनावी वादे कर रहे है। आज भी एक ऐसी ही घोषणा की गई। घोषणा भी ऐसा है कि किसी को भी लालच में डाल दे। घोषणा में कहा गया कि यदि हमारी सरकार आती है तो हम देश के तमाम गरीबो को सालाना 72 हजार रूपये देंगे। चौकिए मत ये घोषणा किसी और ने नहीं बल्कि देश के सबसे पुराने राजनीतिक पार्टी (कांग्रेस) के मुखिया राहुल गांधी ने की है। तो चलिए इस रिपोर्ट के जरिये आपकों बताते है कि आखिर क्या है राहुल गांधी न्यूनतम आय योजना न्याय, किन परिवारों को मिलेंगे सालाना 72 हजार रूपये?

 

 

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को बड़ा चुनावी ऐलान करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी की सरकार सत्ता में आती है तो देश के 5 करोड़ परिवारों के 25 करोड़ लोगों को मिनिमम गारेंटी स्कीम के तहत सालाना 72 हजार रूपये दिए जाएंगे। कांग्रेस ने इस स्कीम का नाम ‘न्याय’ रखा है। जिसके मुताबिक अगर किसी परिवार की मासिक आय 12 हजार रूपये प्रति महीने से कम है तो उस परिवार की आय 12 हजार रूपये सुनिश्चित की जाएगी।

 

 

 

 

उदाहरण के तौर पर मान लिया जाए कि किसी परिवार की मासिक आय 10 हजार रूपये प्रति महीना है तो उस परिवार को सरकार की तरफ से दो हजार रूपये दिए जाएगें यानी कि सालाना उस परिवार को 24 हजार रूपये की आर्थिक मदद मिलेगी। उसी तरह अगर किसी परिवार की मासिक आय 6 हजार रूपये है तो उस परिवार को सरकार की तरफ से 6 हजार रूपये प्रति महीना आर्थिक मदद के तौर पर दिए जाएंगे ताकि उसके परिवार की मासिक आय कम से कम 12 हजार रूपये प्रति महीना हो जाए।

 

 

 

कुछ लोगों के मन में ये भी सवाल उठ रहा है कि अगर किसी परिवार की मासिक आय 4 हजार रूपये महीना है तो क्या सरकार उसे 8 हजार रूपये की आर्थिक मदद देगी तो इसका जवाब है ना। सरकार अधिकतम 72 हजार रूपये सालाना देगी और ये अधिकतम है। यानि आपकी मासिक आय जो भी हो लेकिन सरकार की तरफ से आपको अधिकतम 6 हजार रूपये प्रति महीना आर्थिक मदद के तौर पर दिए जाएंगे।

 

 

माना जा रहा है कि इस स्कीम का सीधा फायदा उन लोगों को होगा जो छोटी-मोटी नौकरी करके अपना परिवार चलाते हैं जैसे गार्ड, माली, चौकीदार, मजदूर आदि। इनके परिवारों को इस स्कीम से सीधा लाभ मिलेगा। राहुल गांधी की इस स्कीम को बड़े चुनावी दांव के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि न्यूनतम इनकम स्कीम के वादे से गरीब और पिछड़े तबके के वोट कांग्रेस के पाले में चले जाएंगे। लेकिन हमने पहले भी कहा है कि यह चुनावी घोषणाएं है। हाल के दिनों में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि राज्यो में हुए विधानसभा चुनाव में भी एक वादा किया गया था किसानों के कर्ज माफी का, वो भी 10 दिनों के भीतर। लेकिन वो वादा पूरा होने का आज भी उन राज्यो के किसान इन्तजार कर रहे है। तो सुने सबकी करें अपने मन की। क्योंकि मतदान आपका अधिकार है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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