खेल ही खेल: बात शराब की हो और कोई झूमे नहीं—–
AJ डेस्क: बात शराब की है। कोयलांचल और शराब का गहरा सम्बन्ध है। झारखण्ड में सरकार ने एक प्रयोग किया– शराब बंदी का नहीं, सरकारी स्तर पर शराब का खेल खेलने का। खेल हुआ भी, खैर! अब उस बहस में पड़ने से तत्काल कोई फायदा नहीं। आज बात हो रही है, आज के खेल की। सरकारी शराब की दुकानें पूर्णतः बन्द हो चुकी हैं। आपको यहां दो तस्वीरें देखने को मिलेंगी। अब कौन सही है और कौन गलत। यह कौन तय करेगा क्योंकि दोनों ही एक ही व्यवस्था के हिस्सा हैं।
धनबाद के उत्पाद विभाग के एक आला अधिकारी से बात होती है। अधिकारी कहते हैं, सरकारी दुकानें बंद हो चुकी हैं। धनबाद पुलिस लाइन के समीप मेन रोड के एक दुकान के बारे में जिक्र करने पर कहा जाता है तुरन्त सरकारी बैनर हटवा देते हैं। अनल ज्योति को जानकारी मिली है कि कोयलांचल के विभिन्न क्षेत्रों में आज सहजता के साथ हर प्रकार के शराब मिल रहे हैं।
धनबाद उत्पाद विभाग के सहायक आयुक्त राकेश कुमार ने बताया कि जिले में 104 दुकानों की बन्दोबस्ती की गयी है। जिससे शराब की बिक्री होगी। उन्होंने बताया कि अभी इन लाइसेंस धारियों को शराब बिक्री शुरू करने की इजाजत नहीं दी गयी है। अब इन जिम्मेवार अधिकारी की ही बात माना जाए तो कोयलांचल में शराब बिक्री की नई व्यवस्था के पहले दिन से ही गड़बड़झाला का श्रीगणेश होता दिखने लगा है। सरकारी दुकानें बंद हो गयी हैं, प्राइवेट को आज अनुमति नही है। तो फिर चोरी छिपे नहीं, खुलेआम दुकानों से यह कौन शराब बेच रहा है।
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