पत्रकार सुरक्षा मुद्दा: क्या झारखण्ड भी बिहार का अनुकरण करेगा?
AJ डेस्क: पत्रकार जो 24 घंटे समाज और देश की आवाज बनकर खड़ा रहता है। पत्रकार जो दबे-कुचले से लेकर समाज के ऊंचे पदों पर आसीन सभी वर्गों के हितों के लिए लड़ता है। पत्रकार जो सभी के हक और न्याय के लिए अपना समूचा जीवन न्योछावर कर देता है। जब उसकी सुरक्षा, हक और न्याय की बात आती है तो सराकरे अपनी भवें क्यों सिकोड़ने लगती है। हमारा समाज और हमारी व्यवस्था कभी उन पत्रकारों के हक के लिए क्यों कुछ नहीं बोलता। व्यवस्था पत्रकार की बात आते ही मौनी बाबा क्यों बन जाता है। पर अब फिजा में बदलाओं के संकेत मिलने लगें है। पत्रकार और पत्रकारिता की सुरक्षा में सहयोग की बात होनी शुरू हो गई है और इसका शुभारंभ बिहार से हुआ है। लेकिन क्या इस बदलाव का अनुकरण झारखण्ड भी करेगा?
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डे ने पत्रकार और पत्रकारिता की सुरक्षा व्यवस्था में सहयोग को लेकर एक बड़ा आदेश जारी किया है। बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने सभी आई जी, डी आई जी, एस पी, एस एस पी एवं पुलिस प्रसाशन को लिखित निर्देश दिया है कि पत्रकारों और उनके परिजनों की सुरक्षा का ख़ास ख़याल रखा जाय तथा पत्रकारों के समाचार संकलन (कवरेज) के दौरान पुलिसकर्मी उसमे किसी प्रकार का खलल नहीं डालेंगे बल्कि उन्हें सहयोग प्रदान करें।
डीजीपी ने अपने लिखित आदेश में यह भी कहा है कि हर जिले में पुलिस कर्मी पत्रकारों से सम्मान जनक व्यवहार करें। उन्होंने इसके साथ ही अपने निर्देश में कहा है कि पत्रकार देश के संविधान के चौथे स्तंभ है। कोई भी मीडिया कर्मियों के विरुद्ध पूर्वाग्रह से प्रेरित होकर निरोधात्मक कार्रवाई न करें। इस आदेश को आईपीएस गुप्तेश्वर पाण्डे के सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर भी शेयर किया गया है।
पत्रकार बंधु स्वच्छ और निर्भीक पत्रकारिता करें.ये मेरा आदेश उनके हित में निर्गत है…..
Posted by IPS Gupteshwar Pandey on Wednesday, April 3, 2019
वहीं इस आदेश के बाद झारखण्ड के पत्रकार भी अपनी राज्य की व्यवस्था से कुछ ऐसी ही सुविधा और हक़ मिलने की उम्मीदे बांधे हुए है। झारखण्ड के पत्रकारों को भी उम्मीद है कि बिहार के ही तर्ज पर झारखण्ड में भी पत्रकारों को सुरक्षा, सम्मान और आजादी मिलेगी। ताकि झारखण्ड की आवाज को यहाँ के पत्रकार और भी बुलंदी के साथ देश और दुनिया तक पहुंचा सके।
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