VIDEO- धनबाद: महिला को न्याय तो मिला नहीं, अलबत्ता जानवरों की तरह पैरों में बेड़ियां जकड़ कैद कर दिया (देखें वीडियो)

AJ डेस्क: गांव वालों ये ठाकुर…का साम्राज्य है। यहाँ न्याय और सम्मान की बात करने वालों को बेड़ियों में जकड़ कर हवेली की चारदीवारी में हमेशा के लिए कैद कर दिया जाता है। ऐसे फिल्मी डायलॉग आपने कई बार टीवी और सिनेमा घरों में देखा और सुना होगा। लेकिन क्या आप जानते है आपके अपने शहर धनबाद में भी एक ऐसी ही जगह है जहाँ ऐसा ही साम्राज्य स्थापित है। जहाँ न्याय और सम्मान की बात करना भी बेमानी है। जहाँ औरत ही औरत की दुश्मन है। जहाँ हक मांगने के लिए जाने वालों को बेड़िया में जकड कर हवेली की चारदीवारी में सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है। भले ही हक मांगने वाली एक महिला ही क्यों न हो। साथ ही उसे नाम दे दिया जाता है कानून का। विश्वास न हो रहा हो तो इस वीडियो पर गौर फरमाइये। आपकों हमारी बातों पर विश्वास हो जाएगा।

 

 

यहाँ देखें वीडियो (VIDEO)

 

 

धनबाद शहर के बीचों-बीच बना महिला थाना। सरकार ने कुछ महीने पहले धनबाद महिला थाना जो दो कमरों में चल रहा था उसे अपग्रेड करते हुए एक दो मंजिला आलीशान इमारत में तब्दील कर दिया ताकि यहाँ आने वाली लाचार और पीड़ित असहाय महिलाओं को कानून के तहत समुचित न्याय के साथ साथ सुविधाओं का लाभ भी मिल सके। लेकिन यह आलिशान थाना आज वर्षो पुराने उस ठाकुर की हवेली का रूप ले चुका है जहाँ न्याय और हक़ की बात करने वाले इंसानों को एक जानवर की तरह बेड़ियों में जकड़ दिया जाता है और छोड़ दिया जाता है उसके हाल पर रोने और सिसकने के लिए। पूछो तो इसे ही कानून बता दिया जाता है।

 

 

चलिए अब आपकों इस महिला के बारे में बताते है जो पिछले तीन दिनों तक यूँ ही बेड़ियों में जकड़ी रही। इस बीच न तो ये कही जा सकती थी और न ही अपने दैनिक कार्य जैसे नहाना-धोना ही कर सकती थी। यदि आप सोच रहे होंगे की यह सावली सी दिखने वाली महिला किसी खतरनाक गैंग की सदस्य या कोई भयानक अपराध की जननी है तो आप बिलकुल गलत सोच रहे है। दरअसल इस महिला का नाम रीना देवी है। रीना यहाँ कोई अपराध कर के नहीं आई बल्कि वो अपनी फरियाद लेकर यहाँ पहुंची थी। दरअसल रीना को आज इस हाल तक पहुचाने वाले उसके अपने ही है। वो अपने जिससे रीना ने सब कुछ भुला कर प्यार किया। जिससे शादी की जिसे अपने जीवन का 4 साल दिया। लेकिन उसे मिला तो बस धोखा, बेवफाई, धुत्कार और कभी न कम होने वाला दर्द।

 

 

रीना 2015 में सरायढेला थाना क्षेत्र में रहने वाले एक सख्श जयप्रकाश गुप्ता से मिली। उस वक्त रीना एक शादीशुदा महिला थी। उसके दो बच्चे भी थे। लेकिन रीना अपनी शादी से खुश नहीं थी। कारण था उसका पति। रीना का पति उसे शराब के नशे में काफी मारता पिटता था। जिसके निशान आज भी रीना के शरीर पर मौजूद है। रीना ने कई बार अपने पति से तलाक लेना चाहा पर हो न सका। अचानक एक दिन उसके पति ने रीना को अकेला छोड़ दिया। उसके बच्चों को भी अपने साथ ले गया। जिसके बाद रीना जयप्रकाश गुप्ता के संपर्क में आई। आहिस्ता-आहिस्ता उन दोनों में नजदीकियां भी बढ़ने लगी और एक दिन दोनों ने एक मंदिर में शादी कर ली। जयप्रकाश ने उसे जीवन भर वो प्यार, सम्मान और सुख देने का वादा किया था जो उसे उसके पहले पति से नहीं मिल सका था।

 

 

जयप्रकाश ने शादी के बाद कभी धनबाद तो कभी पटना तो कभी कोलकाता में रीना को रखा। दरअसल जयप्रकाश भी रीना को धोखा ही दे रहा था। जयप्रकाश पहले से ही न सिर्फ शादीसुदा था बल्कि उसके बच्चे भी थे। जब इस बात का पता रीना को चला तो जयप्रकाश उससे दूरियां बनाने लगा और एक दिन उसे अकेला छोड़ दिया। लेकिन रीना ने इस बार हिम्मत नहीं हारी उसने अपने हक के लिए लड़ाई लड़ने की ठानी और वो एक दिन ढूंढते-ढूंढते पहुँच गई धनबाद के सरायढेला जहाँ उसका पति जयप्रकाश गुप्ता अपने परिवार के साथ रहा करता है। लेकिन हुआ वहीं जो अक्सर देखने को मिलता है। रीना को वहाँ से धक्के मार कर निकाल दिया गया। जिसके बाद वह न्याय की गुहार लगाने धनबाद महिला थाना पहुंची।

 

 

बेड़ियों में जड़की रीना ने बताया कि उसने जो महिला थाने को लिखित शिकायत दी उसे पुलिस ने दर्ज नहीं किया बल्कि पुलिस ने उसके ससुराल पक्ष की बातों को ही सही मान न सिर्फ उसे बेड़ियों में जकड़ दिया बल्कि उसके साथ यहाँ मार पीट भी की गई। इतना ही नहीं उसका दुपट्टा भी उसके शरीर से उतार कर अलग कर दिया गया। रीना ने बताया कि वो पिछले तीन दिनों से बिना नहाए-धोए यहाँ बेड़ियों में कैद है। उसकी फरियाद सुनने वाला भी यहाँ कोई नहीं। रीना बस इतना चाहती है कि या तो उसे धनबाद के वरीय पुलिस अधीक्षक से मिलने दिया जाए ताकि वो अपनी फरियाद उन्हें सुना सके या फिर उसका पति उसे अपने साथ रखे या उसके भरणपोषण की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लें।

 

 

वहीं धनबाद महिला थाना की पुलिस पर रीना ने काफी गंभीर आरोप लगाए थे तो उनसे इस बारे में जवाब मांगना भी जरुरी था। तो बता दे की महिला थाना की प्रभारी एम् गुड़िया ने फोन पर बताया कि ‘रीना देवी बार-बार भाग जा रही थी जिस कारण उसे बेड़ियों में जकड़ना पड़ा। वो अपने दुपट्टे के सहारे आत्महत्या करना चाहती थी जिस वजह से उसका दुपट्टा उसके शरीर से छीन लिया गया। वो आरोपी पति का ठीक-ठीक पता नहीं बता पा रही थी इस कारण उसका मामला दर्ज नहीं किया गया।’ लेकिन इसके बावजूद महिला को बेड़ियों में जकड़ कर कैद करना ये कहा तक उचित है? इस सवाल का जवाब महिला थाना प्रभारी एम् गुड़िया के पास नहीं था।

 

 

बहरहाल रीना देवी के मामले में मीडिया के हस्तक्षेप के बाद रीना को महिला थाना पुलिस ने बेड़ियों से आजाद कर दिया है और उसका दुपट्टा भी उसे वापस लौटा दिया है लेकिन उसका न्याय अभी अंडर प्रोसेस है।

 

 

 

 

 

 

 

Article पसंद आया तो इसे अभी शेयर करें!

  •  
    36
    Shares
  • 36
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »