VIDEO- नेता जी को गुस्सा क्यूँ आने लगा- “बदनामी में भी नाम है—-“

AJ डेस्क: कोयलांचल से पहली बार नेता जी चुनाव लड़ने आए हैं। टिकट तो राष्ट्रीय पार्टी का मिला है लेकिन क्षेत्र और यहां के लोग लगभग अपरिचित हैं। फिर भी नेता जी अनुभवी है लेकिन उनके साथ लगातार जो हो रहा है उसे लेकर नेता जी अब चिड़चिड़ा गए हैं। नेता जी यह मानते भी हैं कि -बदनामी में भी नाम हो रहा है। फिर भी मीडिया वाले जैसे ही काला झंडा की चर्चा छेड़ देते हैं बस नेता जी के चेहरा पर तनाव और आवाज में बेरुखीपन स्पष्ट झलकने लग जाता है। यह तो वही बात हो गयी नेता जी कि करे कोई भरे कोई—।

 

 

अभी नामांकन पत्र भी दाखिल नहीं हुआ है। नेता जी के चेहरा पर तनाव, चिड़चिड़ापन स्पष्ट रूप से झलकता नजर आ रहा है। चुनाव के हर पायदान पर कई तरह की बातें सामने आएँगी। नेता जी, आप तो चुनाव लड़े और जीते भी हैं। इसका अनुभव तो आपके पास है ही।फिर तो आपको इतना जल्दी गुस्सा नहीं आना चाहिए। नेता और अभिनेता के दिल में कुछ और चेहरा पर कुछ और होना ही चाहिए, तभी वह सफल हो सकता है। आप भी कुशल नेता की तरह विरोध पर चिंतन करें लेकिन चेहरे पर नाराजगी न दिखावें। मीडिया अपनी भूमिका निभा रही है। आप ही बोल रहे हैं, बदनामी में भी नाम है तो आपको यहां मीडिया का शुक्रगुजार होना चाहिए जो एक सप्ताह में ही “काला झंडा” के बहाने आपका खूब प्रचार कर चुका है। मीडिया पर भड़कने का कोई कारण नहीं दिखता है नेता जी।

 

 

देखें वीडियो-

 

 

संगठन के भीतर या बाहर जो हो रहा है उसे अब आपको ही संभालना होगा और झेलना है। खबर तो खबर है नेता जी, वह किसी के पक्ष या विरोध का मापदंड तय कर नहीं चलता, बस खबर चलता है। इस तरह की खबर का मौका भी कौन दे रहा है। रही बात विरोधी और समर्थकों की संख्या की। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। सड़क पर सार्वजनिक ढंग से विरोध हो रहा है,बस यही काफी है। आपकी ही बात मान लें तो विरोध का स्वर पांच लोगों से शुरू होकर आज पचास तक पहुंच गया। यानि दस गुणा ज्यादा। चुनाव अभी बाकि है विरोधियों की संख्या इसी रफ्तार से बढ़ते रही तो फिर आप क्या कहेंगे नेता जी।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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