भाजपा संग मिलकर सरकार बनाना चाहते थे लालू यादव- सुशील मोदी
AJ डेस्क: बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू यादव पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि लालू यादव जब नीतीश कुमार से अलग हुए थे तो उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से मिलकर सरकार बनाने की अपील की थी। इतना ही नहीं बतौर सुशील मोदी लालू यादव चारा घोटाला केस में पैरवी के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली से भी मुलाक़ात करने की कोशिश की थी।
सुशील मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि लालू यादव अपने विशेष दूत को अरुण जेटली के पास भेजा और मदद मांगी। इतना ही नहीं इसके बदले में अरुण जेटली से लालू यादव ने कहलवाया कि अगर वो ऐसा करेंगे तो नीतीश कुमार को 24 घंटे में सबक सिखा देंगे।
मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव अपना हित साधने के लिए किसी के भी पैर पर गिर सकते हैं। लालू ने 1974 में जेपी आंदोलन और 1975 में बीजेपी-आरएसएस की मदद ली थी।
छपरा से चुनाव में आरएसएस और बीजेपी की मदद ली थी। लालू बीजेपी का समर्थन लेने के लिए पार्टी के दफ्तर आये थे और कैलाशपति मिश्र से सहयोग पत्र लेकर सरकार बनाये थे।
Bihar Deputy CM Sushil Modi: Later Lalu Prasad Yadav and Prem Gupta, both met Arun Jaitley and offered to topple Nitish Kumar government. Arun Jaitley clearly said that we can't interfere in CBI's functioning as it is an autonomous institution. 3/3 pic.twitter.com/AQpnAPRSKd
— ANI (@ANI) April 17, 2019
Bihar Deputy CM Sushil Modi: When Jharkhand High Court gave the verdict in favour of Lalu Yadav that there is no need for a trial in other cases related to fodder scam, CBI went to SC challenging this decision. 1/3 pic.twitter.com/QiDpXsgWm1
— ANI (@ANI) April 17, 2019
लालू यादव ने नीतीश कुमार पर लगाया था यह आरोप
बता दें कि लालू यादव ने अपनी किताब ‘गोपालगंज टू रायसीना: माई पॉलिटिकल जर्नी’ में लिखा ‘नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर को पांच बार अलग-अलग मौकों पर अपना दूत बनाकर उनके पास भेजा। प्रशांत ने हर बार नीतीश की ‘धर्मनिरपेक्ष’ धड़े में वापसी पर लालू को राजी करने की कोशिश की।’
लालू प्रसाद और उनके दाहिना हाथ प्रेम चंद गुप्ता ३ बार अरुण जेटली से मिलकर CBI की मदद की गुहार लगायी ।इसके एवज़ में नीतीश कुमार को धूल चटाने का प्रस्ताव दिया ।जेटली ने CBI के काम में दख़ल देने से इंकार कर दिया ।
— Chowkidar Sushil Kumar Modi (@SushilModi) April 17, 2019
लालू ने लिखा, ‘किशोर यह जताने की कोशिश कर रहे थे कि अगर मैं जदयू को लिखित में समर्थन सुनिश्चित कर दूं तो वह बीजेपी से गठबंधन तोड़कर महागठबंधन में दोबारा शामिल हो जाएंगे। हालांकि, नीतीश को लेकर मेरे मन में कोई कड़वाहट नहीं है, लेकिन मेरा उन पर से विश्वास पूरी तरह हट चुका है।’
लालू लिखते हैं, ‘हालांकि, मुझे नहीं पता कि अगर मैं प्रशांत किशोर का प्रस्ताव स्वीकार कर लेता तो 2015 में महागठबंधन को वोट देने वालों और देशभर में बीजेपी के खिलाफ एकजुट हुए अन्य दलों की क्या प्रतिक्रिया होती।
Article पसंद आया तो इसे अभी शेयर करें!