चुनावी “हॉट केक” बना झरिया, “दरबार” का आशीर्वाद करेगा बेड़ा पार

AJ डेस्क: धनबाद संसदीय क्षेत्र का झरिया विधान सभा कुछ खास के लिए “हॉट केक” बना हुआ है। “दरबार” नाखुश है। दरबार के आशीर्वाद समर्थन के बिना नैया पार भी नहीं लगना है लेकिन यह खास नेता जी आशीर्वाद भी लेंगे और दूसरी तरफ कहेंगे भी कि कोई खुद चलकर आवे आशीर्वाद देने तो मैं क्या करूँ। झरिया की राजनीति अभी क्षण क्षण रूप बदल रही है। मतदान के 48 घण्टा पहले ऊंट किस करवट बैठेगा, यह देखने की बात होगी।

 

 

धनबाद के दरबार ने झरिया को भगवामय करने में अपना खून पसीना बहाया है। पिछले 18 वर्षों के मेहनत का नतीजा है कि आज कोयले के ऊपर कमल खिल रहा है। एक समय ऐसा भी था कि धनबाद जिला में सिर्फ झरिया ने ही कमल की लाज बचाया था। राजनीति के तमाम उतार चढ़ाव के बाद भी दरबार ने झरिया को सम्भाल कर रखा।

 

 

आज जब दरबार का युवराज क़ानूनी लफड़ा में फंसा और झरिया के अस्तित्व पर लगातार हमला होने लगा तो यही आशीर्वाद लेने वाले कहीं नजर नहीं आ रहे थे। झरिया की पहचान RSP कॉलेज के अस्तित्व पर ही कुठाराघात हो रहा था। विपरीत परिस्थिति में घिरे दरबार ने उस वक्त भी RSP को बचाने के लिए हर सम्भव प्रयास किया लेकिन उसी पार्टी के वरिष्ठ नेता, तथाकथित अभिभावक अपने नेचर के अनुसार मौन साधे हुए रहे। झरिया के वही भगवा समर्थक आज RSP की बात क्यों भूल गए। RSP में उन्हीं के लोगों के बच्चे पढ़ने जाते होंगे। उन बच्चों को कौन सी परेशानी उठानी पड़ती है, यह कभी पूछ कर तो देखें। “चित भी मेरा पट भी मेरा” की राजनीति क्यों नहीं समझ में आ रहा।

 

 

“दरबार” के एक युवराज ने घराने की दशकों से राजनीतिक विरासत पर हो रहे हमले को भांप लिया। राजनीतिक विरासत बचाने के लिए उसने चुनावी मैदान में शंख फूंक दिया। वाह रे राजनीति, बड़े ढंग से उसे “बागी” करार दिया गया। बचे एक युवराज की घेराबंदी की गयी, कुछ ऐसे हालात पैदा किए गए कि उन्हें गृहिणी पत्नी को राजनीति में उतारना पड़ा और एक प्रत्याशी विशेष के लिए फतवा जारी करना पड़ा। अनल ज्योति टीम ने धनबाद के राजनीतिक हॉट केक बने झरिया का भ्रमण कर युवाओं से खासकर सम्पर्क साधा। युवाओं का एक बड़ा वर्ग आज भी दरबार की ओर टकटकी लगाए हुए है कि उन्हें क्या निर्देश मिलता है। वहीं दूसरे युवराज ने तो विगुल फूंक ही दिया है। दरबार के समर्थक किस करवट बैठेंगे, अब यही देखना है। लेकिन हर हाल में दरबार का आशीर्वाद चाहिए ही।

 

 

 

 

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