अंततः मेंशन की पुत्रवधू “रागिनी” आ ही गयीं चुनावी मैदान में
AJ डेस्क: “राजनीति” में सब जायज है। धनबाद जेल में बंद झरिया विधायक को परिवार से ज्यादा पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा साबित करने के लिए आज अंततः अपनी पत्नी रागिनी सिंह को चुनावी मैदान में उतारना ही पड़ा। मेंशन की पुत्रवधू रागिनी के चुनावी विगुल से इस घराने के अंदर नया समीकरण बनेगा-बिगड़ेगा।
यहां बता दें कि विधायक संजीव सिंह के अनुज सिद्धार्थ गौतम वर्तमान व्यवस्था के खिलाफ विगुल फूंकते हुए लोक सभा चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। घराने का यह बागी तेवर किसी और को दिखाने, समझाने के लिए था लेकिन इसका साइड इफेक्ट घर के अंदर भी पड़ गया। चुनावी हलचल शुरू होते ही भाजपा प्रत्याशी जेल जाकर अपनी पार्टी के विधायक से मिल उनका समर्थन माँगा। विधायक ने समर्थन देने की बात भी कही लेकिन बात यहीं खत्म नही हुई।

प्रेशर गेम परवान चढ़ने लगा। घराना के किसी घोर कट्टर विरोधी को पार्टी में शामिल कर विद्रोही प्रत्याशी या घराना को सबक सिखाने की राजनीतिक खिचड़ी पकने लगी। इस नए बवाल को रोकने के लिए आनन फानन में विधायक ने ऐसा कदम उठाया, यह जानकार बताते हैं। जिस भी परिस्थिति में हो रागिनी सिंह भाजपा में शामिल तो हो ही गयीं। अब उन्हें पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में क्षेत्र में उतरना ही था। सो, आज भाजपा नेत्री रागिनी सिंह पार्टी समर्थकों के साथ प्रत्याशी के चुनावी कार्यालय का उद्घाटन कीं।

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