काला हीरे का “काला खेल” खेल रहे बाघ के आशीर्वाद से, बाघ+मारा सेफ जोन बना (भाग- 5)

AJ डेस्क: जिला में काला हीरा के माध्यम से रातों रात यदि अपनी माली हालात बदलने का सपना आप देख रहे हों तो बाघ के शरण में चले जाएं। बहुत आए होंगे बाघ+मारा लेकिन अभी की कुछ और ही बात है। माने न मानें वहां समानांतर व्यवस्था लागू है। अंसारी जी हों या महथा, रौनक की बात करें या टुड्डू की। यह तो उसी क्षेत्र में फल फूल रहे हैं जबकि बाघ के प्रभाव से बरवा अड्डा, गोबिन्दपुर तक ठीक ठाक चल रहा है।

 

 

बाघ के क्षेत्र में चुपके चोरी भी काला हीरा इधर से उधर करने का प्रयास होता है। वाह रे नेटवर्क, इसकी सूचना तुरन्त दादा तक पहुंच जाती है और बगैर आशीर्वाद काम करने वाले का माल पकड़ा जाता है। यानि बाघ के अलावा बाघ+मारने की हिम्मत किसी और के पास नहीं हो सकती। सूत्र बताते हैं अंसारी जी हों या महथा जी दादा का आशीर्वाद प्राप्त कर धड़ल्ले से काला हीरा का काला कारोबार चला रहे हैं। टुड्डू जी भी इस खेल के पुराने महारथी हैं। वह भला बहती गंगा में डुबकी लगाने से क्यों वंचित हो जाते। तिलाटांड़ शक्ति चौक पर गोलू और टुड्डू जलवा दिखा रहे हैं तो राजगंज रोड में कैसिया के समीप रिंकू काला हीरा का काला खेल बखूबी खेल रहा है।

 

 

जिला प्रशासन का रिकॉर्ड देखा जाए तो उस क्षेत्र में एक से बढ़कर एक, नए नए तरीकों में काला हीरा का काला खेल खेलने वालों की लंबी फेहरिस्त मिल जाएगी। जानकार कहते हैं अभी यह खेल कुछ खास के हाथों में सिमट कर रह गया है।

 

 

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