इस बार चुनाव परिणाम आने में चार से पांच घण्टे हो सकता है विलम्ब
AJ डेस्क: लोकसभा चुनाव 2019 के पांचवे चरण का मतदान हो चुका है और अब सिर्फ दो चरणों के मतदान बाकी हैं। देश समेत पूरी दुनिया को इंतजार है 23 मई का जब लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होंगे लेकिन जरा रूकिए। अगर आप ये मानकर चल रहे हैं कि 23 मई को आपको पता चल जाएगा कि किस पार्टी को कितनी सीटें आ रही हैं तो शायद आपकी उम्मीदों पर पानी फिर जाए। चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक इस बार लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 से 5 घंटे की देरी से आ सकते हैं। चुनाव आयोग के अधिकारी ने बताया कि एक ईवीएम और वीवीपैट के पर्चियों के मिलान में तकरीबन एक घंटे का समय लगता है लेकिन इस बार 5 ईवीएम और वीवीपैट का मिलान कराना है और इस मतगणना में 5 से 6 घंटे का वक्त लग सकता है। यही वजह है कि चुनाव आयोग के अधिकारी कह रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के अंतिम परिणाम 23 मई को देर शाम तक आ सकते हैं।
इससे पहले चुनाव विश्लेषक और सी वोटर के यशवंत देशमुख ने ट्वीट से भी इस बात की तरफ इशारा होता है कि चुनाव परिणाम आने में देरी हो सकती है। उन्होंने तर्क दिया कि हर असेंबली में पांच ईवीएम का वीवीपैट से मिलान कराना है जिसका मतलब ये हुआ कि लोकसभा की सभी 543 सीटों के 20 हजार बूथ पर दोबारा वोटों की गिनती होगी। उन्होंने अंदाजा लगाया कि इन 20 हजार बूथ में करीब दो करोड़ वोट होंगे जिनका वीवीपैट से मिलान होगा। जाहिर है इतनी संख्या में वोटों के वीवीपैट से मिलान में समय लगेगा।
That awkwardly-weird-tired-completely-exhausted moment; when you wish you had control on the timeline; and like in any video just pressed the fast forward button to reach May 26th.
And then breath easy.
— Yashwant Deshmukh 🇮🇳 (@YRDeshmukh) May 6, 2019
इसे इस तरह समझने की कोशिश की कोशिश कीजिए कि हर लोकसभा में लगभग 10 विधानसभा सीटें होती है। मान लें कि दस विधानसभा के 50 पोलिंग बूथ पर वीवीपैट से ईवीएम की गिनती होती है और हर बूथ पर अगर हजार वोटर भी मान लें तो भी देश में 4215 विधानसभा सीटे हैं जहां हर विधानसभा में पांच ईवीएम का वीवीपैट की पर्ची से मिलान होगा जिसका मतलब है कि करीब सवा दो करोड़ वोटों की मेनुअल काउंटिंग होगी। ऐसे में रिजल्ट आने में वक्त लग सकता है। ऐसे में हो सकता है रिजल्ट 23 मई को देर रात तक या फिर 24 मई तक साफ हो पाए। फाइनल रिजल्ट आने में ज्यादा समय भी लग सकता है।
गौरतलब है कि पहले नियम ये था कि वोटों की गिनती के दौरान किसी भी विधानसभा के किसी भी बूथ की ईवीएम का वीवीपैट से मिलान किया जाएगा। इस नियम में बदलाव की मांग को लेकर 21 पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने एक विधानसभा के 5 बूथों की ईवीएम का वीवीपैट से मिलान करने का फैसला दिया था जिसके खिलाफ विपक्षी पार्टियों ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी जिस सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। याचिकाकर्ताओं की मांग थी कि कम से कम 50 प्रतिशत ईवीएम का वीवीपैट से मिलान हो।
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