राष्ट्रपति, पी एम और सांसदों को क्या मिलती हैं सुविधाएं, इसे भी जानें
AJ डेस्क: लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम आ चुके हैं और जल्द ही लोकसभा में नए सांसद शामिल होने वाले हैं। ऐसे में ये तमाम बड़े पदों पर बैठे दिग्गज नेताओं की सैलरी कितनी है? ये बड़ी उत्सुकता वाली बात है। जानिए देश के संवैधानिक पदों पर बैठे दिग्गजों को कितना वेतन मिलता है और उन्हें क्या-क्या सुविधाएं दी जाती हैं…
राष्ट्रपति की सैलरी
भारत के राष्ट्रपति का मासिक वेतन 5 लाख रुपये होता है। पहले ये 1.5 लाख थी, जिसे जनवरी, 2016 में बढ़ाकर 5 लाख किया गया था। इसके अलावा राष्ट्रपति के लिए अन्य सुविधाएं तय होती हैं। साथ ही उन्हें 5 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ राष्ट्रपति आवास भी मिलता है। यह आवास दिल्ली के 330 एकड़ के हरे-भरे क्षेत्र का हिस्सा है। इसके साथ राष्ट्रपति की कार 25 कारों के काफिले के बीच चलती है। राष्ट्रपति भवन के रखरखाव के लिए 30 करोड़ रुपये का सालाना बजट तय हुआ है।
प्रधानमंत्री की सैलरी
भारत के प्रधानमंत्री को बतौर सैलरी 1.60 लाख रुपये प्रतिमाह मिलते हैं। 2013 में एक RTI के जरिए हुए खुलासे के मुताबिक PM मनमोहन सिंह की बेसिक सैलरी 50,000 प्रतिमाह थी। जिसमें 3,000 रुपये मासिक भत्ता और मिलते 2000 रुपये बतौर रोजाना भत्ता अलग से शामिल होता है। इसके अलावा उन्हें 45,000 रुपये का चुनाव क्षेत्र भत्ता भी मिलता है। हालांकि ये आंकड़े काफी पुराने हैं इसलिए इसमें कुछ बढ़त होना मुमकिन है।
साथ ही पीएम को मिलने वाली सुविधाओं में नई दिल्ली में लोककल्याण मार्ग का बंगला, पर्सनल स्टाफ, स्पेशल सुरक्षा वाली लिमोजिन कार, एसपीजी की सुरक्षा, एक स्पेशल जेट शामिल है।
इतना ही नहीं रिटायर होने के बाद भी प्रधानमंत्री को 20,000 रुपये मासिक पेंशन मिलती है। रिटायर होने के बाद भी प्रधानमंत्री को दिल्ली में एक बंगला, एक पीए और एक चपरासी दिया जाता है। रिटायरमेंट के बाद भी प्रधानमंत्री मुफ्त में रेल यात्राएं कर सकता है। वहीं प्रधानमंत्री को हर साल 6 डोमेस्टिक एक्जीक्यूटिव क्लास की हवाई यात्राओं के टिकट फ्री मिलते हैं।
सांसदों की सैलरी
सांसदों की तनख्वाह की बात करें तो उन्हें 1,00,000 रुपये की बेसिक सैलरी और 45,000 रुपये का चुनाव क्षेत्र भत्ता दिया जाता है। इसके अलावा भी सांसदों को कई तरह की सुविधाएं भी मिलती हैं।
उपराष्ट्रपति, गवर्नर और मुख्य न्यायाधीश की सैलरी
भारत के उपराष्ट्रपति की सैलरी 4 लाख रुपये प्रतिमाह तय की गई है। वहीं राज्यों के गवर्नरों को 3 लाख 50 हजार रुपये मासिक वेतन मिलता है। इसके अलावा दोनों को आवास और कार जैसी विशेष सुविधाएं भी मिलती हैं। भारत के मुख्य न्यायाधीश की तनख्वाह की बात करें तो उन्हें 2 लाख 80 हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाते हैं।
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