दोस्त-दोस्त ना रहा: भाजपा और जदयू, दोनों एक दूसरे के मंत्री मंडल में नहीं

AJ डेस्क: बिहार में आज कैबिनेट का विस्तार होने वाला है लेकिन एक भी बीजेपी का विधायक मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हो रहा है तो सवाल है क्यों? नीतीश के मुताबिक ये सब पहले से तय था। लेकिन, कहा जा रहा है कि मोदी कैबिनेट में जेडीयू के जगह नहीं मिली इसलिए नीतीश कुमार की कैबिनेट में बीजेपी वालों को जगह नहीं दी गई। ऐसी स्थिति में सवाल है कि क्या बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले फिर से दोस्ती में दरार आने वाली है?
राजनीति ने बिहार में BJP और JD(U) को मिला तो दिया है लेकिन दोनों दलों के दिल नहीं मिल रहे हैं। केंद्रीय कैबिनेट का गठन हुआ तो जेडीयू के किसी सांसद को मंत्री बनने का मौका नहीं मिला। अब खबर है कि बिहार में आज होने वाले कैबिनेट विस्तार में बीजेपी के किसी विधायक को मौका नहीं मिलने वाला है। नीतीश के कैबिनेट में 11 मंत्रियों के पद खाली हैं और इन पदों के लिए जो नाम सामने आ रहे हैं उनमें बीजेपी का कोई भी नहीं है।
जिन मंत्रियों को आज शपथ लेनी हैं, उनके नाम
-अशोक चौधरी (बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं, महागठबंधन की सरकार में शिक्षा मंत्री थे, बाद में जेडीयू में शामिल हो गए, अभी जेडीयू के विधान पार्षद हैं।)
-नीरज कुमार (टीवी पर दिखने वाले जेडीयू के प्रवक्ता है, जेडीयू के विधान पार्षद हैं)
-लक्ष्मेश्वर राय (जेडीयू के अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हैं, मधुबनी के लौकहा से जेडीयू के विधायक)
-श्याम रजक (नीतीश सरकार में पहले मंत्री रह चुके हैं, 2015 में मंत्री भी रह चुके हैं)
-बीमा भारती (नीतीश के पहले कार्यकाल में मंत्री थी, पूर्णिया के रुपौली से जेडीयू की विधायक हैं)
-संजय झा (नीतीश के करीबी हैं, पहले बीजेपी में रह चुके हैं, 3 दिन पहले ही नीतीश ने एमएलसी बनाया)
-नरेंद्र नारायण यादव (मधेपुरा के आलमनगर सीट से विधायक, 8 बार विधायक रह चुके हों)
लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार सरकार के मंत्री लल्लन सिंह और दिनेश यादव के सांसद बन जाने की वजह से दो मंत्रियों के पद खाली हो गए हैं। इस मंत्रिमंडल विस्तार से नीतीश कुमार बिहार का जातीय समीकरण भी साधने की कोशिश में हैं लेकिन जो सबसे बड़ा सवाल है इस कैबिनेट में बीजेपी क्यों नहीं?
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