धोनी के ग्लव्स से सेना का चिन्ह हटाने की अपील ICC ने की
AJ डेस्क: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से अपील करते हुए कहा है कि वे भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी से उनके दस्तानों पर बने सेना के चिन्ह को हटाने को कहें। आईसीसी विश्व कप-2019 में भारत के पहले मैच में धोनी को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विकेटकीपिंग दस्तानों पर भारतीय पैरा स्पेशल फोर्स के चिन्ह का इस्तेमाल करते देखा गया था। आईसीसी ने बीसीसीआई से कहा है कि वह धोनी के दस्तानों पर से यह चिन्ह हटवाए। आईसीसी के महाप्रबंधक, रणनीति समन्व्य, क्लेयर फरलोंग ने आईएएनएस से कहा, ‘हमने बीसीसीआई से इस चिन्ह को हटवाने की अपील की है।’
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धोनी के दस्तानों पर ‘बलिदान ब्रिगेड’ का चिन्ह है। सिर्फ पैरामिलिट्री कमांडो को ही यह चिन्ह धारण करने का अधिकार है। धोनी को 2011 में पैराशूट रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट कर्नल के मानद उपाधी मिली थी। धोनी ने 2015 में पैरा ब्रिगेड की ट्रेनिंग भी ली है।
हालांकि इस पर सोशल मीडिया पर धोनी के आर्मी लोगो के साथ खेलने की काफी तारीफ हो रही है, लेकिन आईसीसी की सोच और नियम अलग हैं। आईसीसी के नियम के मुताबिक, ‘आईसीसी के कपड़ों या अन्य चीजों पर अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान राजनीति, धर्म या नस्लभेदी जैसी चीजों का संदेश नहीं होना चाहिए।’
बता दें कि पैराशूट रेजिमेंट के विशेष बलों के पास उनके अलग बैज होते हैं, जिन्हें ‘बलिदान’ के रूप में जाना जाता है। इस बैज में ‘बलिदान’ शब्द को देवनागरी लिपि में लिखा गया है। यह बैज चांदी से बना होता है यह बैज केवल पैरा-कमांडो द्वारा पहना जाता है। इस बैच के दो तरफ विंग्स और बीच में खंजर होता है। धोनी ने साल 2015 में आगरा स्थित पैरा ब्रिगेड के साथ प्रशिक्षण लिया।
आगरा के पैराट्रूपर्स ट्रेनिंग स्कूल में भारतीय वायु सेना के एएन-32 विमान से 1250 फुट की ऊंचाई से उन्होंने पांचवी बार छलांग लगाकर एक मिनट से भी कम समय में सफलतापूर्वक उतर कर अपनी ट्रेनिंग पूरी की। इसके बाद उन्होंने पैरा विंग्स प्रतीक चिन्ह के साथ बलिदान बैज के इस्तेमाल की योग्यता हासिल कर ली जिसे विश्व कप के दौरान उनके ग्लव्ज पर देखा गया।
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