धनबाद सी ओ का अपना सविंधान, अपने पत्र को ही गलत ठहरा निकाल दिए दूसरा पत्र (भाग- 01)

AJ डेस्क: धनबाद अंचल कार्यालय में एक बहस छिड़ी हुई है। शहर के मुख्य चौक चौराहे, गली, मोड़ के नामकरण का अब मापदंड कैसे तय होगा? सरकारी कर्मचारी, अंचल निरीक्षक के रिपोर्ट को गलत ठहरा अमीन की रिपोर्ट के आधार पर अंचलाधिकारी अपने ही पहले पत्र को गलत बताते हुए नया पत्र जारी कर बहस का एक मुद्दा दे दिए हैं। मुद्दा सरायढेला के “कोला कुसमा मोड़” का है।
हमारे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए अभी अपने फेसबुक पेज के ऊपर SEARCH में जाकर TYPE करें analjyoti.com और LIKE के बटन को दबाए…
धनबाद शहर को जानने वालों से पूछेंगे तो वह सिंह मेंशन के सामने की रोड को कोला कुसमा मोड़ बताएंगे। धनबाद स्टेशन से या गोबिन्दपुर से आप ऑटो रिक्शा की सवारी करेंगे और कोला कुसमा मोड़ उतरने की बात कहेंगे तो ऑटो वाला भी शायद आपको सिंह मेंशन के सामने ही उतार दे। यही नही सिंह मेंशन के सामने PWD या NH का एक बोर्ड भी लगा हुआ है, जिसपे “कोला कुसमा मोड़” लिखा हुआ है। इस स्थल पर जितनी दुकानें हैं। सबके बोर्ड पर दुकान के नाम के बाद पता में कोला कुसमा मोड़ ही लिखा हुआ है। कहने का तातपर्य यह है कि व्यवहार में जो जगह कोला कुसमा मोड़ के नाम से प्रचलित है उसे धनबाद के अंचलाधिकारी एक सिरे से खारिज कर देते हैं। धनबाद CO के नियम कायदे कानून के मुताबिक गोल बिल्डिंग तक कोला कुसमा मोड़ हो सकता है।
धनबाद CO की दलील है कि थाना के नक्शा में अंकित, PWD या NH द्वारा बोर्ड लगा देने मात्र से किसी भी स्थान का नामकरण नही हो जाता। वह सर्वेक्षित नक्शा को मान्यता देते हैं। नक्शा में गोल बिल्डिंग तक कोला कुसमा मौजा पड़ता है। मौजा और मोड़ अलग-अलग मुद्दा हैं, कहने पर CO कहते हैं कि नक्शा में जहां मौजा की सीमा समाप्त होती है। वही मोड़ कहलाएगा।
धनबाद CO ने शहर में एक नए बहस को जन्म दिया है। अब दशकों से प्रचलित स्टील गेट, हीरापुर हटिया मोड़, रणधीर वर्मा चौक, मिश्रित भवन चौक, गोल बिल्डिंग मोड़, मेमको मोड़, बैंक मोड़ आदि के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लग जाएगा।
“अनल ज्योति” भाग- 02 में CO की दोनों चिट्ठी आपके सामने रखेगा। आखिर “मोड़” बहस का मुद्दा क्यों बना और सीओ के द्वारा अपनी ही एक चिट्ठी को गलत साबित कर दूसरा पत्र क्यों जारी करना पड़ा। अनल ज्योति इसका भी खुलासा करेगा।
Article पसंद आया तो इसे अभी शेयर करें!