झारखण्ड के चर्चित थानेदार पलक झपकते क्यूँ हटा दिए गए?

AJ डेस्क: कांग्रेसी नेता सह पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड की जाँच की जिम्मेवारी लेकर सूबे में चर्चित हुए इंस्पेक्टर निरंजन तिवारी की थानेदारी चली गयी। चर्चित नीरज हत्याकांड ही नही रंजय हत्याकांड, बैंक लूटकांड सहित अनेको चर्चित कांडो का उदभेदन करने वाले थानेदार को अपने एक वरीय अधिकारी का एक गैर विभागीय आदेश का समय पर पालन नही करना महंगा पड़ गया। यह चर्चा कोयलांचल से लेकर राजधानी रांची तक है।

 

 

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वर्ष 2017 में नीरज सिंह और उसके तीन सहयोगियों की जघन्य हत्या हुई थी। तत्कालीन वरीय पुलिस अधीक्षक मनोज रत्न चौथे ने इंस्पेक्टर निरंजन तिवारी को इस जघन्य कांड का अनुसन्धान करने की जिम्मेवारी सौंपी थी। कोयलांचल के इतिहास में गैंगवार में हत्या होने की बात नई नही है। उत्तर प्रदेश के शूटरों का धनबाद आकर हत्या कर निकल जाने की लंबी सूची है लेकिन नीरज हत्याकांड में यू पी के शूटरों को धनबाद जेल के सलाखों के पीछे तक पहुंचाने का यह पहला मामला है। पूरे प्रदेश की नजर नीरज हत्याकांड की जाँच पर लगी थी।इसका दो मुख्य वजह था। एक तो नीरज सिंह भी काफी फेमस हो चुके थे और दूसरा कोयलांचल के चर्चित घराना सिंह मेंशन और भाजपा विधायक संजीव सिंह पर नीरज हत्या कांड का आरोप लगना। नीरज हत्या कांड के सभी शूटर जेल पहुंच चुके हैं। इसके पहले रंजय सिंह की हत्या हुई थी। रंजय हत्याकांड का शूटर और साजिशकर्ता भी जेल पहुंच चुका है।

 

 

आज कोयलांचल में जब सरायढेला थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर निरंजन तिवारी का तबादला साइबर थाना में होने की बात फैली तो लोग कारण जानने को इच्छुक हो उठे। बहुतों को लगा कि भाजपा विधायक के प्रभाव से तिवारी को हटाया गया है। इस बीच एक और चर्चा फिजां में फ़ैल गयी। सरायढेला थानेदार निरंजन तिवारी को अपने क्षेत्र के एक स्कूल में एक बच्चे का एडमिशन नही करा पाना महंगा पड़ गया। साथ ही किसी सीनियर के द्वारा कहे गए अपशब्द को नही पचा पाना भी इनके स्वास्थ्य के खिलाफ चल गया।

 

 

हालाँकि इस चर्चा में किसी का नाम नही आ रहा है, लोग इशारे में चर्चा कर रहे हैं। सूत्र तो यहां तक बता रहा है कि यह मामला रांची मुख्यालय तक के संज्ञान में चला गया है। सरकारी विभागों में तबादला आम प्रक्रिया माना जाता है लेकिन इस तबादले के पीछे अलग ही कहानी शुरू हो गयी है। इस चर्चा में यदि थोड़ा भी दम है तो इसे बेहतर शासन का संकेत नही माना जा सकता। फ़िलहाल साइबर थाना के प्रभारी कन्हैया राम सरायढेला थाना के प्रभारी बनाए गए हैं तो सरायढेला के प्रभारी निरंजन तिवारी को साइबर थाना भेजा गया है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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