प्रेरणा: रिश्तेदार ने किया देह दान तो रानी ने कर दिया नेत्र दान

AJ डेस्क: कहते है देह दान सबसे बड़ा दान है। क्योंकि इस दान के बदौलत मौत के बाद भी एक इंसान दूसरे इंसान को जीवन दे जाता है। इसी को समझते हुए धनबाद की एक समधन ने अपनी ही समधन से न सिर्फ प्रेरणा ली बल्कि उसपर अमल भी किया। दरअसल सदर थाना इलाके के भिश्तीपाड़ा के रहने वाली नन्द रानी मुखर्जी ने मृत्यु उपरांत अपना नेत्र दान किया है।

 

 

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उनके पुत्र सुजीत रंजन ने बताया कि मंगलवार की सुबह उनकी माँ का देहांत हो गया। जिसके बाद उनकी इक्षा के अनुसार उनका नेत्र दान के लिए सामाजिक संस्थान बंगाली कल्याण समिति से संपर्क साधा। जिसके बाद आगे की कार्रवाई के लिए समिति के सदस्यों ने धनबाद पीएमसीएच की मदद से नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी कराई।

 

 

वहीं मृत नन्द रानी मुखर्जी की बहू सुजाता रंजन ने बताया कि पिछले साल वर्ष 2018 में उनकी माँ का भी देहांत हो गया था। जिनकी मर्जी के अनुरूप उनका देह दान किया गया था। इसी से प्रेरित होकर उनकी सास ने भी मृत्यु के बाद नेत्र दान की इच्छा जताई थी। इसी को लेकर यह नेत्र दान की प्रक्रिया पूरी की गई। उन्होंने कहा कि अक्सर लोगों के मरने के बाद उनके परिजन उनके शव को जला डालते है। जिससे मृत शरीर के कई महत्वपूर्ण अंग यूँ ही बर्बाद हो जाता है। जबकि उन अंगों से समाज को काफी लाभ मिल सकता है। उन्होंने आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि देह दान के प्रति लोग जागरूक हो और इसके लिए वे आगे आए। ताकि समाज में रह रहे जरूरतमंदों को इससे फायदा मिल सके।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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