एक बार फिर जाँच का खेल: लाचार पिता बेटे का शव कंधे पर ढोने को विवश

AJ डेस्क: चमकी बुखार को लेकर जहाँ पूरे सूबे के सभी सरकारी अस्पतालों को अलर्ट कर परिजनों को सारी सुविधा निःशुल्क दी जा रही हैं वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले में एक बार फिर सदर अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है।

 

 

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के सरकारी अस्पताल में एंबुलेंस नहीं मिलने पर एक व्यक्ति को अपने बच्चे के शव को कंधे पर रखकर ले जाना पड़ा। बच्चे की मौत के बाद परिजन कंधे पर शव ले जाने को मजबूर दिखे।

 

 

अस्पताल परिसर में मृत बच्चे को कंधे पर लेकर परिजन काफी देर तक इधर से उधर धूमते रहे मगर जिम्मेदार अधिकारी या कर्मियों में से किसी की भी नजर इस पर नहीं पड़ी। बाद में परिजन किसी को कुछ बोले बिना अस्पताल से चले गए। जबकि सदर अस्पताल को सरकारी शव वाहन उपलब्ध कराए गए हैं। उसपर तैनात कर्मियों का यही काम होता है कि परिजन से पूछ कर शव वाहन उपलब्ध करवा देना।

 

 

क्या है मामला

दरअसल यह बालक परबलपुर थाना इलाके के सीता बिगहा निवासी सागर कुमार है। परिजनों ने बताया कि वह सुबह साइकिल चला कर घर आया इसके बाद वो बेहोश होकर गिर गया। इसके बाद उसे एक निजी क्लीनिक में ले गए जहाँ चिकित्सक ने सदर अस्पताल रेफर कर दिया। यहाँ लाने पर चिकित्सक ने मृत उसे घोषित कर दिया।

 

वहीं इस मामले में डीएम योगेंद्र सिंह ने मामले पर संज्ञान लेते हुए पूरे मामले पर जांच का आदेश दे दिया है। उन्होंने कहा कि अगर लापरवाही हुई है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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