नशा ही नशा:16 करोड़ लोग अल्कोहल के गुलाम, स्कूली बच्चों पर हो रहा रिसर्च

AJ डेस्क: राज्यसभा में गुरूवार को सभी दलों के सदस्यों द्वारा बच्चों में नशे की बढ़ती आदत पर गहरी चिंता जताये जाने के बीच सरकार ने एक सर्वेक्षण के हवाले से बताया कि भारत में 16 करोड़ लोग अल्कोहल और 3.1 करोड़ लोग भांग उत्पादों का सेवन करते हैं। सरकार देश के प्रमुख 10 शहरों के स्कूल एवं कालेजों में छात्रों के बीच नशे की आदत पर भी एक सर्वेक्षण करा रही है।

 

 

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सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने देश के विभिन्न भागों में स्कूली विद्यार्थियों के बीच नशे की बढ़ती आदत पर लाये गये ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर विभिन्न दलों के सदस्यों द्वारा मांगे गये स्पष्टीकरण के जवाब में सदन को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उनके मंत्रालय ने वर्ष 2018 में देश में अपनी तरह का यह पहला सर्वेक्षण कराया था। इसकी जिम्मेदारी नेशनल ड्रग डिपेंडेंस सेंटर (एनडीडीटीसी), अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नयी दिल्ली को दी गयी थी।

 

 

उन्होंने बताया कि देश के सभी 36 राज्यों एवं केन्द्र शासित क्षेत्रों में किए गये इस सर्वेक्षण में दो लाख 111 परिवारों से मिलकर नशीले पदार्थों के उपयोग की सीमा और पद्धति के बारे में चार लाख 73 हजार 569 लोगों से सवाल पूछे गये। इसके अलावा रिस्पांडेंट ड्रिवन सैम्पलिंग (आरडीएस) सर्वेक्षण भी किया गया जिसमें 135 जिलों में अवैध नशीली दवाओं पर निर्भर 72,642 लोगों को शामिल किया गया था।

 

 

गहलोत ने बताया कि इन सर्वेक्षणों के जरिये यह बात सामने आयी कि 16 करोड़ व्यक्ति अल्कोहल का सेवन करते हैं। 3.1 करोड़ लोग भांग उत्पादों का सेवन करते हैं। साथ ही 2.26 करोड़ व्यक्ति अफीम का सेवन करते हैं।उन्होंने बताया कि इस समय 10 से 75 आयु समूह के बीच के लगभग 1.18 करोड़ लोग सीडेटिव्स (गैर चिकित्सकीय, बिना चिकित्सा नुस्खे) का इस्तेमाल करते हैं जबकि 77 लाख लोग (51 लाख व्यस्क एवं 26 लाख बच्चे) इनहेलेंट्स का प्रयोग करते हैं।

 

 

 

उन्होंने बताया कि नशीले पदार्थ में इनहेलेंट्स ही ऐसी श्रेणी है जो बच्चों और किशोरों में इस समय ज्यादा प्रचलित है और वे जनसंख्या की दृष्टि से इसका उपयोग वयस्कों से अधिक करते हैं (कुल जनसंख्या की दृष्टि से वयस्कों में इनहेलेंट्स का प्रचलन 0.58 प्रतिशत है जबकि बच्चों एवं किशोरों में इसका प्रतिशत 1.17 प्रतिशत है।

 

 

गहलोत ने कहा, ‘मैं यह भी बताना चाहूंगा कि देश के 10 शहरों अर्थात श्रीनगर, चंडीगढ़, लखनऊ, रांची, मुंबई, बेंगलूरू, हैदराबाद, इंफाल, डिब्रूगढ़ और दिल्ली में राष्ट्रीय सर्वेक्षण के एक भाग के रूप में स्कूल और कालेज के छात्रों के बीच नशीले पदार्थों के उपयोग के पैटर्न और प्रोफाइल का आकलन करने के उद्देश्य से एक सर्वेक्षण भी किया जा रहा है। इस सर्वेक्षण के कुल नमूनों के आकार में स्कूल के छह हजार छात्रों और कालेज के दो हजार छात्रों को शामिल किया जा रहा है।’ उन्होंने बताया कि इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट नवंबर 2019 तक प्राप्त होने की उम्मीद है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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