निलंबन प्रकरण: SE के खिलाफ गलत रिपोर्ट देने वाले को कब मिलेगी सजा?
AJ डेस्क: सूबे के मुख्य मंत्री रघुवर दास ऊर्जा विभाग के कार्यो की समीक्षा करने के दौरान धनबाद विद्युत् अंचल के अधीक्षण अभियंता विनय कुमार (2) को निलंबित किए जाने और महाप्रबन्धक को हटाने का आदेश जारी किया था। एक सप्ताह के भीतर मुख्यमंत्री को SE के निलंबन की कार्रवाई में गलती होने का अहसास हो गया और निलंबन की तारीख से उक्त अधिकारी निलम्बन्मुक्त हो गए। अब यहां सवाल उठता है कि मुख्यमंत्री को गलत सूचना देकर गुमराह करने वाले अधिकारी को कब सजा मिलेगी।
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यहां बता दें कि 5 जुलाई को मुख्यमंत्री राज्य के बिजली व्यवस्था को लेकर बैठक कर रहे थे। उन्हें सुचना दी गयी थी कि धनबाद के अधीक्षण अभियंता विद्युत् बगैर सुचना दिए लम्बे समय से गायब हैं। मुख्यमंत्री ने इसे गम्भीरता से लेते हुए SE को निलंबित किए जाने का फरमान जारी कर दिया। जबकि अधीक्षण अभियंता अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद थे। मुख्यमंत्री को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने SE का निलंबन 5 जुलाई से ही वापस लेने का आदेश जारी किया।

आज SE का निलंबन 5 जुलाई से ही वापस लेने का विभागीय पत्र जारी हो गया। अब यहां सवाल उठता है कि मुख्यमंत्री को गलत सूचना देने की हिमाकत किसने की थी। इस गलत सूचना पर मुख्यमंत्री का किरकिरी हो गया। राज्य सरकार अब गलत सूचना देने वाले अधिकारी को किस तरह दण्डित करता है। इसपे सबकी नजर है।
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