शर्मनाक: सुशासन बाबू के बिहार में बाढ़ पीड़ित चूहा खा मिटा रहे पेट की ज्वाला

AJ डेस्क: बिहार के 12 जिलों में बाढ़ का कहर जारी है। लगभग 20 लाख की आबादी इससे प्रभावित है। बिहार के कटिहार में भी जलप्रलय है, जहां से कुछ ऐसी तस्वीरें आयी हैं कि वह प्रशासन के दावों का पोल खोलने के लिए काफी है। यहां बाढ़ की विभीषिका के बीच भूख से पीड़ित लोग चूहा खाने के लिए मजबूर हैं।

 

 

 

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स्थानीय कांग्रेस विधायक ने इसे शर्मिंदगी की बात बताया है। प्रशासन ने देर शाम से ही बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजन की व्यवस्था कराने की बात कही थी, लेकिन हजारों लोग भूखे जी रहे है। ऐसी स्थिति में कटिहार प्रखंड के कदवा प्रखंड में भर्री गांव में बाढ़ पीड़ितों के लिए चूहा निवाला बन गया है।

 

 

महानंदा नदी के ठीक पश्चिम स्थित ऐसे कई गांव हैं, जहां आदिवासी और महादलित समाज के लोग रहते हैं। इस इलाके में तकरीबन 10 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। इनके बीच प्रशासन की तरफ से अब तक खाने का सामना नहीं पहुंचा है। इस कारण भूख से परेशान लोग चूहों को ही निवाला बना रहे हैं।

 

 

कदवा प्रखंड के बीडीओ राकेश कुमार गुप्ता ने ऐसी किसी भी सूचना से इनकार किया है। उनका दावा है कि ब्लॉक के 11 स्कूल में आज शाम से खाना बनने लगेगा। कार्यालय में प्राप्त सूचना पर कोई भूखे लोग नहीं हैं। चूहा खाने की कोई सूचना नहीं है।

 

 

वहीं, कांग्रेस विधायक शकील अहमद का कहना है कि जनप्रतिनिधियों को चूड़ा-गुड़ सहित अन्य खाने-पीने का सामना दे दिया जाता तो ऐसी समस्या नहीं होती। शर्मिंदगी नहीं उठानी पड़ती कि लोग चूहा मार कर खा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे हालात खराब होगी। बीमारी भी फैल सकती है।

 

 

पीड़ितों ग्रामीणों का कहना है कि घर में आनाज नहीं है इस कारण चूहा मार कर खा रहे हैं। उनका कहना है कि घर डूब गए। चूहा ढूंढ कर लाते हैं और यही खाते हैं। सरकार कुछ भी नहीं दे रही है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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