कोर्ट के कुरान बाँटने का आदेश बना राजनीतिक मुद्दा, भारती संग खड़े हुए स्वामी
AJ डेस्क: झारखंड की राजधानी रांची की एक स्थानीय अदालत ने अनूठा आदेश सुनाते हुए 19 वर्षीय एक छात्रा को कुरान शरीफ की प्रतियां बांटने को कहा था। छात्रा को यह आदेश सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक पोस्ट साझा करने के मामले जमानत की शर्त की तौर पर दिया गया था। छात्रा से कहा गया था कि वह शहर में अलग-अलग संस्थानों को कुरान शरीफ की 5 प्रतियां बांटे। बाद में छात्रा ने इस आदेश पर सवाल उठाए और कहा कि वह इसके खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करेंगी। अब छात्रा को इस मुद्दे पर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी का साथ मिल गया है।
हमारे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए अभी अपने फेसबुक पेज के ऊपर SEARCH में जाकर TYPE करें analjyoti.com और LIKE के बटन को दबाए…
जानें, सुब्रमण्यम स्वामी ने क्या कहा
भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ऋचा भारती के स्टैंड का समर्थन किया है। स्वामी ने कहा है, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि ऋचा से संपर्क करेंगी। वह इस मुद्दे के लिए सबसे सही शख्स हैं और मैं अदालत में उनकी मदद करूंगा। कुरान बांटने का अर्थ है कि उन हिस्सों को स्वीकृति देना है जो काफिरों और उसके परिणामों की बात करते हैं। ऋचा सभी वास्तविक हिंदुओं के लिए लड़ रही हैं। हम दूसरों के धार्मकि ज्ञान को प्रसारित नहीं कर सकते।’
I hope Richa Bharti contacts @Ish_Bhandari . He is the best for this issue and I will help him in court. Distribution of Koran means approval of sections which talk of Kafirs and consequences. Richa is fighting for all genuine Hindus. We cannot circulate theology of others
— Subramanian Swamy (@Swamy39) July 17, 2019
छात्रा को जज ने दिया था यह आदेश
छात्रा के वकील राम प्रवेश सिंह ने बताया कि न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) मनीष कुमार सिंह ने सोमवार को छात्रा की जमानत मंजूर करते हुए ऋचा भारती को आदेश दिया कि वह पुलिस की मौजूदगी में स्थानीय अंजुमन समिति को पवित्र कुरान की एक प्रति और शहर के विभिन्न पुस्तकालयों में इसकी 4 प्रतियां बांटे। उन्होंने बताया कि मजिस्ट्रेट ने एक पखवाड़े के भीतर इसकी पावती सौंपने का भी निर्देश दिया है। ऋचा ने कहा कि वह अदालत के आदेश का सम्मान करती है और उसे अभी आदेश की प्रति नहीं मिली हैं।
फैसले के बाद ऋचा ने कही थी यह बात
फैसले के बारे में पीटीआई से बात करते हुए ऋचा ने कहा था, ‘मुझे अभी आदेश की प्रति नहीं मिली है। मैं अदालत के आदेश का सम्मान करती हूं, लेकिन मैंने कुछ भी गलत नहीं किया। मैं अपने परिवार और वकील से परामर्श लूंगी कि क्या मैं (निचली अदालत के आदेश को) हाई कोर्ट में चुनौती दे सकती हूं?’ ऋचा के पिता प्रकाश पटेल ने कहा, ‘हमें शाम साढ़े पांच बजे तक आदेश की प्रति नहीं मिली है। यह मिलने के बाद हम वकील से परामर्श करेंगे और कानूनी प्रक्रिया का पालन करेंगे। हमारा न्यायपालिका में पूरा विश्वास है।’
अंजुमन समिति ने कहा, फैसला स्वीकार है
अंजुमन समिति के सदस्य मोहम्मद जामिल खान ने कहा, ‘स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण का दायित्व संभालने वाली समिति ने पूरे दिल से फैसले को स्वीकार किया है। महिला को समिति और स्कूल एवं कॉलेज के पुस्तकालयों में कुरान की प्रतियां बांटने का आदेश दिया गया है।’ इस बीच, पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) आशुतोष शेखर ने बताया कि पुलिस शर्त को समझने के लिए अदालत के आदेश का अध्ययन कर रही है।
अंजुमन समिति ने दर्ज की थी शिकायत
अंजुमन समिति ने फेसबुक पर एक आपत्तिजनक पोस्ट साझा करने के मामले में पिठोरिया पुलिस थाने में बी.कॉम की छात्रा ऋचा भारती के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी जिसके बाद उसे 12 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। छात्रा के वकील ने कहा, ‘हमने अदालत में जमानत याचिका दायर की थी। हमें इस शर्त पर जमानत मिली कि उसे (ऋचा को) पिठोरिया में अंजुमन समिति को कुरान शरीफ की एक प्रति और शहर के विभिन्न पुस्तकालयों को इसकी चार प्रतियां भेंट करनी होंगी और 15 दिनों में इसकी रसीद अदालत में जमा करानी होगी।’
Article पसंद आया तो इसे अभी शेयर करें!