कुलभूषण जाधव: पाक ने जीत कहा, गिरिराज ने किया पलटवार
AJ डेस्क: पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से जुड़े मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) ने अपना फैसला सुना दिया है। इंटरनेशनल कोर्ट ने उनकी फांसी पर रोक लगा दी है। भारत के हक में फैसला सुनाते हुए इंटरनेशनल कोर्ट ने जाधव को कांस्युलर एक्सेस देने का आदेश भी दिया। लेकिन इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) के इस फैसले को पाकिस्तान अपनी जीत बता रहा है। अब पाकिस्तान के इस रिएक्शन पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पलटवार किया है। उन्होंने इस संबंध में एक ट्वीट किया है, जो खूब वायरल हो रहा है। गिरिराज सिंह के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया पर जमकर रिएक्शन आ रहा है।
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पाकिस्तान सरकार ने कुलभूषण जाधव से जुड़े मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) के फैसले को पाकिस्तान की जीत बताया है। पाकिस्तान ने ट्वीट कर कहा है- “पाकिस्तान की बड़ी जीत। आईसीजे ने कुलभूषण जाधव को रिहा करने की भारत की मांग ठुकरा दी।” पाकिस्तान के इसी ट्वीट पर गिरिराज सिंह ने अपना रिएक्शन दिया है।
Big win for Pakistan. India’s demand of release and repatriation of #KulbhushanJadhav rejected by ICJ.#KulbhushanVerdict
— Govt of Pakistan (@pid_gov) July 17, 2019
गिरिराज सिंह ने लिखा है- “यह आपकी गलती नहीं है, क्योंकि यह फैसला ही अंग्रेजी में था।” गिरिराज सिंह के इस ट्वीट से लगता है कि उनका इशारा पाकिस्तान के लोगों की कथित खराब अंग्रेजी पर है। अब उनके इस ट्वीट पर लोगों के रिएक्शन भी आने लगे हैं।
Not your fault .. judgment delivered in English . https://t.co/5zZcoufgEC
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) July 17, 2019
कुलभूषण जाधव मामले पर बुधवार को नीदरलैंड के हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्याय न्यायालय (आईसीजे) ने पाकिस्तान से कहा है कि वह भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को दी गई मौत की सजा की समीक्षा करे। कोर्ट के इस फैसले पर पाकिस्तान ने ऐतराज जताया था लेकिन आईसीजे ने इसे खारिज कर दिया। नीदरलैंड में द हेग के ‘पीस पैलेस’ में सार्वजनिक सुनवाई हुई, जिसमें अदालत के प्रमुख न्यायाधीश अब्दुलकावी अहमद यूसुफ ने फैसला पढ़कर सुनाया। इस दौरान यहाँ मौजूद 16 में से 15 जज, भारत के हक में थे।
बता दें कि जाधव को पाकिस्तान ने भारतीय जासूस बताते हुए मौत की सजा सुनाई हुई है। पाकिस्तान का कहना है कि वह आतंकी गतिविधि में शामिल थे। जबकि भारत ने इसे गलत बताते हुए इसके खिलाफ आईसीजे में अपील की थी।
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