अपनों से दूर रहने वाले बृद्ध आश्रम के बुजूर्गों ने “आयुष” के लिए प्रार्थना की

AJ डेस्क: “आयुष” जिसने अभी जिंदगी के मात्र तेरह बसंत ही देखे हैं, वह इसी उम्र में एक साथ दो बड़ी जंग लड़ रहा है।आयुष जिंदगी और मौत से तो जूझ ही रहा है, घर की आर्थिक स्थिति भी उसकी जिंदगी के लिए आज बड़ा बाधक बन गया है। अपने माता पिता का लाडला छोटा बेटा आयुष “कैंसर” से ग्रसित है। धनबाद आज आयुष के लिए दुआ कर रहा है। धनबाद के लोग आयुष के इलाज के लिए धन इक्कठा कर रहे है। अब तो सबकी दुआ ही आयुष को नई जिंदगी दे सकती है।

 

 

 

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आयुष आज एक ऐसा नाम बन चुका है जिसके लिए धनबाद कोयलांचल के हर मंदिर, मस्जिद और घरों में दुआ की जा रही है। उसके क्रिकेटर पिता रत्नेश सिंह अब पूरी तरह ईश्वर और समाज पर आश्रित हो चुके हैं। रत्नेश बेटे की बीमारी से लड़ते-लड़ते पूरी तरफ से टूट चुके हैं। वहीं उनकी आर्थिक लाचारी बाकी रहा सहा कसर भी पूरा कर रहा है। लेकिन अच्छी बात यह है कि आज आयुष के लिए देश की कोयला राजधानी धनबाद का हर सख्श उठ खड़ा हुआ है। यहाँ के लोग हर वो प्रयास कर रहे जिससे आयुष को दुबारा जिंदगी मिल सके।

 

 

 

 

अब जरा आप इन बुजुर्गों को ही देख लीजिए, धनबाद के एक कोने में बसा लाल मुनि वृद्धा आश्रम जहां अपनों के सताए माँ-बाप अपनी बची हुई जिंदगी किसी तरह काटते हैं आज वहाँ भी आयुष के लिए दुआ किया जा रहा है। सभी बुजुर्ग एक साथ मिलकर भगवान के पास बैठ कर आयुष की लंबी जिंदगी के लिए दुआ कर रहे है। इतना ही नहीं इन लाचार बुजुर्गों ने भी आयुष के लिए आर्थिक मदद करने की ठानी है। इन्होंने जैसे तैसे कुछ रूपये जमा किये है जो ये आयुष के इलाज के लिए भेजना चाहते है। इनकी कामना है कि आयुष न सिर्फ जल्द ठीक होकर अपने घर वापस लौट आए बल्कि वो आयुष से मिलकर उसे आशीर्वाद भी देना चाहते है।

 

 

 

 

आयुष जो अभी महज 13 साल का ही है वह ब्लड केंसर जैसे भयानक बिमारी के अंतिम पड़ाव से जूझ रहा है। उसका बॉन मैरो तक फट चुका है। आयुष पिछले 4 महीने से मुंबई स्थित टाटा मेमोरियल अस्पताल में भर्ती है। जहाँ डॉक्टर उसका इलाज कर रहे है। डॉक्टरों के अनुसार आयुष को बचाने का अब उनके पास एक ही तरीका है। “बॉन मैरो ट्रांसप्लांट।” किस्मत से आयुष के बड़े भाई अनुराग जो अभी 15 वर्ष का है उसका बॉन मैरो आयुष के बॉन मैरो से मैच कर गया है। लेकिन इस ट्रांसप्लांट में एक ही अड़चन है। और वो अड़चन है रुपयों का। दरअसल अस्पताल ने इस ऑपरेशन के लिए 20 लाख रूपये का खर्च आयुष के परिजनों को बताया है। जिसका जुगाड़ कर पाना आयुष के पिता के लिए कही से भी संभव नहीं था। लेकिन धनबाद की जनता ने इस खर्च को अपने कंधों पर ले लिया है। जिसके बाद से हर तरफ से आयुष के लिए मदद के हाथ उठ रहे हैं।

 

 

 

आयुष के पिता ने इस सहयोग के लिए धनबाद सहित पूरे झारखण्ड की जनता का शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने कहा कि आज उनका बेटा लोगों की दुआ और सहयोग के दम पर ही जिन्दा है। वो कहते है, ‘मुझे अब विश्वास हो चुका है कि अब मेरा लाल एक बार फिर से जी उठेगा। क्योंकि आज मेरे बेटे के साथ हर धर्म के लोगों की दुआ और आशीर्वाद है।

 

 

आयुष के लिए आज पूरा धनबाद उठ खड़ा हुआ है। हर तरफ से सहयोग के लिए लोग अपना हाथ बढ़ा रहे है। आयुष के लिए सहयोग कर रहे लोगों की माने तो उन्हें पूरी उम्मीद है कि जो रकम आयुष के इलाज के लिए चाहिए उसका जुगाड़ हो जाएगा। लेकिन उनके अनुसार सरकार को भी आयुष के इलाज के लिए आगे आना चाहिए। क्योंकि अगर सरकार अपने स्तर से आयुष के लिए मदद को आगे आती है तो आयुष के लिए यह जंग जितना काफी आसान हो जाएगा।

 

 

 

आयुष ने आज पूरे कोयलांचल की जनता को एक सूत्र में पीरों दिया है। आज आयुष के मदद के लिए उठते हाथ न तो किसी हिन्दू के है और न ही किसी मुस्लिम के। न तो आज कोई राजा है और न ही कोई रंक। सब अपने अपने हिसाब से आयुष की मदद करने में जुटे हैं। आज कोयलांचल के हर कोने से बस एक ही आवाज सुनाई दे रही है और वो है- “Get Well soon आयुष।”

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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