प्याज की जमाखोरी रोकने पर केंद्र सख्त
AJ डेस्क: केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र और कर्नाटक की बाढ़ की वजह से प्याज की आपूर्ति में अड़चन के बीच इसकी जमाखोरी के खिलाफ बुधवार को सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। उपरोक्त दोनों प्रदेश इस सब्जी के प्रमुख उत्पादक हैं। सरकार की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि यहां उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव अविनाश के श्रीवास्तव की अध्यक्षता में विभाग ने प्याज की कीमतों की समीक्षा की।


बैठक में नाफेड, एनसीसीएफ और सफल सहित विभिन्न पक्षों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। महाराष्ट्र और कर्नाटक सहित प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों के कुछ हिस्से बाढ़ की चपेट में हैं, जिससे इस सब्जी की आपूर्ति बाधित होने की आशंका है।
बैठक के बाद जारी एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया, ‘मौजूदा समय में सफ़ल बिक्री केन्द्र द्वारा खुदरा बिक्री के लिए प्याज, मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत बनाये गये सरकारी स्टॉक से उपलब्ध कराया जा रहा है।’ सफल (मदर डेयरी का एक बिक्रीकेन्द्र) में प्याज के लिए खुदरा कीमत की सीमा 23.90 रुपए प्रति किलोग्राम (ग्रेड ए किस्म) तय की गयी है।


सफल को सरकारी बफ़र स्टॉक से उसी दर पर प्याज मिलती रहेगी, जिस दर पर बुधवार को दी गयी थी। विज्ञप्ति के अनुसार ‘विभाग की ओर से समय समय पर मूल्य स्थिति की नियमित रूप से निगरानी की जाएगी।’
विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘सरकार जमाखोरी और मुनाफाखोरी की गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई पर भी विचार करेगी और अगर स्थिति की मांग होती है तो प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाने की जरुरत का भी मूल्यांकन करेगी।’


दिल्ली में ताजे फल और सब्जियों की सबसे बड़ी खुदरा श्रृंखला, सफल को भी प्याज के लिए अपने खुदरा परिचालन की मात्रा को दोगुना करने के लिए कहा गया है। नाफेड और एनसीसीएफ को भी उनके बिक्री केन्द्र और मोबाइल वैन के माध्यम से सफल के समान कीमतों पर खुदरा प्याज बिक्री करने के लिए निर्देशित किया गया है। इसके अलावा, सरकारी बफर स्टॉक से प्याज बड़े खुदरा विक्रेताओं को लागत मूल्य पर दिया जायेगा ताकि जनता को उचित दर पर इसकी आपूर्ति की जा सके।


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