धनबाद के यह तीन वीडियो बयाँ करते हैं “भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा” की कहानी (देखें वीडियो)
AJ डेस्क: कहते हैं तस्वीर झूठ नही बोलती तो अनल ज्योति आपको तीन अलग अलग तस्वीरें दिखाने जा रहा है जो चीख चीख कर भ्रष्टाचार की कथा कह रही हैं। जांच एजेंसियों में इच्छा शक्ति का अभाव होने के कारण ही समाज से यह “कोढ़” खत्म नहीं हो रहा है। हमारी यह रिपोर्ट यही इसी बात की ओर इशारा करती है—-
भ्रष्टाचार की पहली कहानी धनबाद नगर निगम से शुरू करते हैं। धनबाद नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार की कथा तो पुरानी है, आम व खास इसकी चर्चा करते ही रहते थे लेकिन हाल ही में रिश्वत लेते रंगेहाथ एक अभियंता के पकड़े जाने के बाद रिश्वतखोरी को लेकर चल रही सभी कथा कहानी पर सत्य का मुहर लग गया। अब यहां सवाल उठता है कि क्या एक अभियंता की गिरफ्तारी से अब निगम में भ्रष्टाचार की गंगोत्री बहनी बन्द हो जाएगी? रिश्वतखोर अभियंता क्या सारी राशि खुद हड़प लेता था? ‘या निगम के अन्य अधिकारी भी उसमे हिस्सेदार थे?’ इसकी जांच आखिर कौन करेगा? घुस की मलाई खाने वाले सभी कैसे कानून के शिकंजे में फंसेंगे? ये यक्ष प्रशन है, जो फिलहाल अनुत्तरित है।
देखें वीडियो-
यह कहानी शहर के सरकार की थी। अब हम गांव की ओर रुख करते हैं। गांव भी इस प्रदूषित व्यवस्था से बचा हुआ नही है। धनबाद जिला के ही एक पंचायत सेवक की करतूत आप इस वीडियो में देख सकते हैं। केंद्र सरकार गरीब गुरबा का जीवन स्तर सुधारने के लिए नई नई योजनाएं ला रही है तो यह योजना भ्रष्टाचारियों के लिए कामधेनु साबित हो रही हैं। एक लाभुक यानि गरीब ग्रामीण को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर देने की अनुमति मिलती है, आगे की प्रक्रिया बढ़ाने के लिए पंचायत सेवक उस गरीब ग्रामीण से पांच हजार रुपए वसूल रहा कैमरे में कैद हो जाता है। यह तय है कि लाभुक कहीं न कहीं से कर्ज लेकर ही पंचायत सेवक को पांच हजार रूपये बतौर रिश्वत दिया होगा। इस व्यवस्था में भला उस गरीब ग्रामीण का जीवन स्तर कैसे सुधरेगा या बदलेगा। लाइव वीडियो जारी होने के बाद भी अब तक कानून का शिकंजा पंचायत सेवक की गर्दन तक नही पहुंच सका है। धन्य है हमारी तंत्र व्यवस्था।
देखें वीडियो-
शहर और गांव में जब भ्रष्टाचार की गंगोत्री बहते आपने देख ही लिया तो एक नजारा भारतीय रेल का भी देख लें। यह धनबाद स्टेशन का प्लेटफॉर्म नम्बर एक है। वर्दीधारी एक गरीब महिला पर धौंस दिखाते हुए राशि वसूल रहा है। हालांकि रेलवे प्रशासन ने इसे गम्भीरता से लिया और RPF के वरीय अधिकारी ने रिश्वतखोर जवान को सेवा (नौकरी) से ही बर्खास्त कर दिया। झारखण्ड सरकार भी रिश्वतखोरों के साथ कुछ इसी तरह की सख्ती नही बरतेगी तो भ्रष्टाचार की गंगोत्री उफान मारने लगेगी।
देखें वीडियो-
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