साम्प्रदायिक सौहार्द: गांव में एक भी मुस्लिम नही, मस्जिद है, हिन्दू वहां करते हैं नमाज अता

AJ डेस्क: आज देश में बात-बात पर हिन्दू-मुस्लिम के बीच तनाव पैदा होने की खबरें तो आप देखते और पढ़ते ही होंगे लेकिन हमारे देश में एक ऐसी जगह भी है जहाँ जाना तो छोड़िए यादि आप वहाँ की कहानी भी जान लेंगे तो आपके मुख से बरबस यह गीत निकल आएगा। जानते है कौन सा- ‘मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा…।’ जी हां, ये जगह आज देश में आपसी सौहार्द का एक बेजोड़ नमूना पेश कर रहा है। और ये जगह कही और नहीं बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार के गृह जिला नालंदा के बेन प्रखण्ड में स्थित है। तो चलिए जानते है उस अनूठे गांव की वो दस्ता जो एक कमल की तरह हमारे समाज को सांप्रदायिक सौहार्द की सिख दे रहा है।

 

 

 

नालंदा जिला के बेन प्रखंड का मांडी गांव। जहाँ कभी हिंदुओं के साथ मुस्लिम समुदाय के भी लोग रहा करते थे। लेकिन रोजी-रोटी की तलाश में एक-एक कर सारे मुस्लिम इस गांव से पलायन कर गए। आज इस गांव में एक भी मुस्लिम नहीं बचा। बचा है तो बस उनके इबादत की वो जगह जिसे दुनिया मस्जिद के नाम से जानती है। बावजूद इसके उस मस्जिद में आज भी पांचों वक्त की आजन सुनाई पड़ती है, पूरी साफ़-सफाई रखी जाती है, इबादत के लिए लोग वहां पूरी श्रद्धा से आते है। यही नहीं समय-समय पर मस्जिद के जीर्णोद्धार का भी काम किया जाता है। ताकि मस्जिद पूरी शान के साथ न सिर्फ खड़ी रहे बल्कि उस मिसाल की गाथा भी गाती रहे जो यहाँ लगातार गढ़ी जा रही है।

 

 

 

अब आप सोंच रहे होंगे की जब इस गांव में एक भी मुस्लिम रहता ही नहीं है तो भला मस्जिद में ये परम्परा कौन जारी रखे हुए है। तो हम बता दे की इस परंपरा को पिछले कई वर्षों से यहाँ रह रहे हिन्दू समुदाय के लोग निभाते आ रहे है। वो भी पूरे शिद्दत से। दरअसल इस परंपरा के निर्वहन में हिंदुओं का साथ दिया आज की आधुनिक तकनीक ने। जिस कारण बिना किसी परेशानी के यह रिवाज बदस्तूर जारी है। यहाँ के हिन्दू समाज के लोग मस्जिद में पेन ड्राइव और टेप रिकॉर्डर के जरिये पांचों वक्त की नमाज की आवाज को प्ले कर मस्जिद की परंपरा को जारी रखे हुए है। इतना ही नहीं यहाँ के लोग नियमित रूप से मस्जिद की साफ़-सफाई भी करते है। गांव में रह रहे हिंदुओं के ही सहयोग से फिलहाल मस्जिद में मरम्मत का कार्य भी किया जा रहा है।

 

 

 

 

इस गांव में रह रहे हिन्दू समाज के लोग कोई भी शुभ कार्य पर अपने गांव के मंदिर में पूजा-पाठ के साथ इस मस्जिद में भी जाकर पूरे श्रद्धा-भाव से इबादत भी करते है। कुल मिलाकर देखा जाए तो इस गांव में रहने वाले हिन्दू समाज के लोग वैसे लोगों को तो आईना दिखा ही रहे है जो मुस्लिम-हिन्दू के नाम पर समाज में विभेद पैदा करते है साथ ही ये उस सपने को भी पूरा कर रहे है जिसके बारे में देश की आजादी से पूर्व हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने देखी थी।

 

 

 

 

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