वाह रे भाजपा के सुशील मोदी- सावन-भादो में कम खरीदारी मंदी का कारण
AJ डेस्क: केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए कई उपायों की घोषणा की है। हाल ही जीडीपी के आंकड़ों के आने के बाद तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं कि क्या वास्तव में मंदी है या मंदी की आहट है। इन सबके बीच बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने अजीबोगरीब बयान दिया है। बता दें कि इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक विकास की दर करीब 6 साल में सबसे कम होकर 5 फीसदी पर पहुंच गई है।
सुशील मोदी ट्वीट कर बताते हैं कि केंद्र सरकार की तरफ से क्या ऐलान किए गए हैं। वो बैंकों के विलय को बड़ी घोषणा मानते हैं। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वैसे तो हर साल सावन भादो में मंदी रहती है। लेकिन इस बार…. सुशील मोदी कहते हैं कि राजनीतिक दल अपने पराजय को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं और इस मुद्दे पर उनकी खीज को स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है।
केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज की घोषणा और 10 छोटे बैंकों के विलय की पहल से लेंडिंग कैपिसिटी बढ़ाने जैसे जो चौतरफा उपाय किये हैं, उनका असर अगली तिमाही में महसूस किया जाएगा।
वैसे तो हर साल सावन-भादो में मंदी रहती है, लेकिन इस बार……. pic.twitter.com/6pu1xkqzWP
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) September 1, 2019
हिंदू कैलेंडर में पांचवां और छठा महीना सावन और भादो का होता है। ऐसी मान्यता है कि इन दोनों महीनों में लोग सामानों की खरीदारी से बचते हैं।सुशील मोदी कहते हैं कि अगर आप बिहार पर नजर डालें तो मंदी का खास असर नहीं है। आप आंकड़ों पर नजर डालें तो वाहनों की बिक्री नहीं घटी है। केंद्र सरकार की तरफ से कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं और जल्द ही तीसरा पैकेज का भी ऐलान किया जाने वाला है।
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