धनबाद में मॉब लीचिंग: निरसा में भीड़ तंत्र ने मार डाला, वासेपुर में अधमरा को पुलिस ने बचाया (देखें वीडियो)

AJ डेस्क: पिछले 24 घंटो के भीतर देश की कोयला राजधानी पर दो कलंक लग चुका है। “मॉब लीचिंग” का। पहली वारदात को धनबाद के निरसा में अंजाम दिया गया जबकि दूसरी वारदात गैंग्स के इलाके वासेपुर में देखी गई। इन दोनों वारदातों में भीड़ और पीड़ित का चेहरा भले ही अलग-अलग था लेकिन आरोप एक ही था ‘बच्चा चोर’ का। इन दोनों ही घटनाओं में भीड़ का क्रूर चेहरा दिखा। जिसने दो अलग अलग लोगों का खून बहाया। एक को तो भीड़ ने पीट-पीट का मार ही डाला। चलिए यहाँ हम आपकों उन दोनों ही वारदातों का झलक दिखाते हैं। जिसे देख कर आप खुद सोचिए गा। क्या महज शक के आधार पर किसी इंसान को पीट-पीट कर मार डालना या उसका लहू बहाना उचित है? सोचिए गा जरूर……

 

 

 

 

पहली वारदात का गवाह बना धनबाद का निरसा थाना क्षेत्र का श्यामपुर पहाड़ी। समय रात के लगभग 2 बजे। यहाँ एक इंसान को 3 घंटो तक बांध कर जानवरों से भी बूरी तरह पीटा गया। इसके बाद सुबह 5 बजे यहाँ पुलिस पहुंची और उस लहूलुहान इंसान को भीड़ से मुक्त कराकर पीएमसीएच में भर्ती कराया। लेकिन इलाज से पहले ही उसने दम तोड़ दिया।

 

देखें वीडियो-

 

 

इसका कसूर क्या था? दरअसल इसपर वहीं के रहने वाले एक परिवार ने आरोप लगाया था कि यह लोगों के घरों में ताक-झाँक कर रहा था। फिर क्या था। हो हंगमा हुआ। लोगों की भीड़ वहाँ इकट्ठा हुई और उसपर बच्चा चोर का आरोप लगाते हुए वारदात को अंजाम दे दिया गया। बताया जा रहा है कि मृतक का नाम प्रथम सिंह था। जो पास के ही रंगा मटिया का निवासी था। उसके तीन पुत्र और एक बीवी थी। मॉब लीचिंग के शिकार मृत प्रथम सिंह की पत्नी लक्ष्मी देवी के लिखित शिकायत पर पुलिस मामले की जाँच में जुटी हुई है।

 

 

दूसरी वारदात धनबाद के भूली ओपी क्षेत्र स्थित गैंग्स ऑफ़ वासेपुर के नाम से पूरी दुनियां में मशहूर हो चुके वासेपुर के आरा मोड़ में अंजाम दिया गया। समय शुक्रवार की सुबह। यहाँ एक विक्षिप्त जिसका नाम राजेश यादव था उसे भीड़ ने बिना कुछ सोचे समझे उसपर बच्चा चोर होने का आरोप मढ़ दिया और उसे सड़क किनारे बांध कर बूरी तरह पीट दिया गया। वो तो समय पर यहाँ पुलिस पहुँच गई जिससे इस विक्षिप्त की जान बच गई। वरना आज मॉब लीचिंग में मरने वालों की संख्या एक की जगह दो होती।

 

देखें वीडियो-

 

 

घटना के संबंध में बताया गया कि आज सुबह रोज की ही तरह आरा मोड़ के पास दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोगों की भीड़ जमा थी। तभी किसी ने इस इंसान को झाड़ियों में बैठा पाया। इससे लोगों ने कुछ सवाल पूछे जिसका उत्तर ये विक्षिप्त उनके अनुसार नहीं दे पाया। जिसके बाद इसके साथ वहाँ मौजूद समझदार भीड़ ने मॉब लीचिंग की वारदात को अंजाम दे डाला।

 

 

 

घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस इस मॉब लीचिंग के शिकार विक्षिप्त को थाने लेकर गई। जहाँ पुलिस ने इससे एक इंसान की तरह इसके बारे में पूछा तो न सिर्फ इसने पुलिस को अपना नाम बताया बल्कि अपने परिजनों का फोन नंबर भी पुलिस को दिया। पुलिस ने जब उस नंबर पर संपर्क साधा तो पता चला की यह एक दिव्यांग है। मतलब यह विक्षिप्त है। जिसे पुलिस ने बड़े ध्यान से अपनी देख रेख में रखा है।

 

 

अब जरा आप ही बताइए इन दोनों वारदातों में बच्चा चोर कहाँ है? या इन वारदातों का सही कसूरवार कौन है? वहीं इन मॉब लीचिंग के वारदातों पर जिला के ग्रामीण एसपी अमन कुमार ने कहा है कि मॉब लीचिंग के वारदातों को अंजाम देने वाले कोई भी लोग बख्शे नहीं जाएंगे। साथ ही उन्होंने कहा है कि धनबाद में बच्चा चोर के सक्रीय होने की कोई भी सूचना नहीं है। कृपया कोयलांचल वासी बच्चा चोरी की अफवाहों से बचे।

 

 

 

 

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