बाघमारा के तर्ज पर अब झरिया में भी कथित कोयला लोडिंग का चार्ज दोगुना बढ़ा

AJ डेस्क: धनबाद के बाघमारा क्षेत्र में कोयला लोडिंग का रेट बढ़ाए जाने का मुद्दा इतना तूल पकड़ा कि बात केंद्र की राजनैतिक गलियारे तक पहुंच गयी। बाघमारा के तर्ज पर अब झरिया कोयलांचल में भी ट्रक लोडिंग के नाम पर तीन सौ रुपए की वृद्धि कर 650 रु की वसूली शुरू हो गयी है। बाघमारा में विरोध का परिणाम देख चुके व्यापारी झरिया के मुद्दे पर शांत रहना ही बेहतर समझे।

 

 

 

 

 

धनबाद कोयलांचल के झरिया और बाघमारा क्षेत्र में ही BCCL की अधिकांश कोलियरियां और लोडिंग प्वाइंट हैं। यह दोनों क्षेत्र दो अलग अलग बाहुबली के कब्जे में है। यहां इनकी तूती बोलती है। युवाओं की फ़ौज है इनके पास जो कोयला क्षेत्र के चप्पे चप्पे पर कब्जा जमाए हुए है। उनके इस अवैध अनाप शनाप कमाई में अड़ंगा डालने वालों पर जानलेवा हमला करवा देना भी इनके लिए कोई बड़ी बात नही है।

 

 

बाघमारा और झरिया में प्रतिदिन लाखों रूपये के इस खेल को खेलने वाले एक ही राजनैतिक पार्टी से जुड़े हैं। रांची राजधानी तक इनकी गहरी पैठ होने के कारण स्थानीय प्रशासन मौन साधे रहने में ही अपनी भलाई समझती है। पूर्व में कुछ प्रशासनिक अधिकारी कोयला लोडिंग में इनके वर्चस्व को तोड़ने का प्रयास भी कर चुके हैं। प्रशासनिक स्तर पर दंगल बनाया गया, लोडिंग का रेट तय किया गया।पहचान पत्र भी निर्गत हुआ लेकिन अधिकारी के बदलते ही इन बाहुबलियों ने व्यवस्था को ही बदल डाला।

 

 

 

 

कोयलांचल धनबाद की धरती गवाह है। कोयला लोडिंग पर वर्चस्व को लेकर यहां खूब बम, गोली चले हैं। मजदूरों, समर्थकों के खून से कोयले की काली धरती लाल होते रही है। गोली की तड़तड़ाहट, बमों के धमाके प्रशासन की नींद उड़ाते रही है लेकिन बिना पूंजी निवेश किए प्रतिदिन होने वाली लाखों की कमाई पर वर्चस्व कायम रखने के लिए यह बाहुबली कानून को हाथ में लेने से भी नही हिचकिचाते। कोलियरी क्षेत्र मानो एक अलग ही दुनिया है, आम आदमी को वहां बड़े पैमाने पर हो रहे गड़बड़झाला से क्या लेना देना है। दूसरी ओर वर्चस्व की लड़ाई को छोड़ दें तो बाहुबली यहां से बड़े ही साइलेंट मूड में प्रतिदिन लाखों रु का वारा न्यारा कर लेते हैं और इसका कोई लेखा जोखा भी नही होता।

 

 

जानकार बताते हैं कि झरिया के कुछ कोलियरियों में इस धंधे में दो से तीन गुट भी शामिल है जबकि बाघमारा में तो एक का ही वर्चस्व है।

 

 

 

 

अब बात कोयला व्यापारियों की तो वह मजबूर विवश हैं। क्षेत्र के बाहुबली जो फरमान जारी करेंगे, उसे मानना उनकी मजबूरी है। जानकार बताते हैं कि बाहुबली का डिमांड पूरा नही करने पर उनका ट्रक यूँ ही लोडिंग प्वाइंट पर खड़ा रह जाएगा। मजदूर अपने आका के इशारे पर उक्त ट्रक में कोयला ही लोड नही करेंगे। ट्रक के लोडिंग प्वाइंट पर फंसने से व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए व्यापारी बाहुबलियों के गुर्गो के फरमान को स्वीकार लेते हैं।

 

 

“हम किसी से कम नहीं”- भला बाघमारा से झरिया कैसे कमजोर साबित होगा। बाघमारा में तो 650 रु को बढ़ाकर 1200 रु लोडिंग चार्ज की बात उठी थी। जिसे लेकर व्यापारी काफी हाय तौबा किये थे। झरिया में तीन से साढ़े तीन सौ के जगह 650 रु किया गया है जिसे व्यापारियों ने बाघमारा के अनुभव के आधार पर स्वीकार लिया है। (जारी)—–

 

 

 

 

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