GST घोटाला: तीन करोड़ का फर्जीवाड़ा करने वाला गिरफ्तार (देखें वीडियो)

AJ डेस्क: धनबाद पुलिस ने GST में फर्जीवाड़ा कर सरकार को करोड़ों रूपये टैक्स का चूना लगाने वाले गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है। पुटकी से गिरफ्तार इस शख्स के बयान से पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिल रही है, पुलिस जल्द ही गिरोह के अन्य सदस्यों के गिरेबान पर हाथ रख सकती है।

 

 

 

राज्य कर पदाधिकारी पंकज कुमार के लिखित शिकायत पर पिछले दिनों पुटकी थाना में जीएसटी में फर्जीवाड़ा का एक केस दर्ज किया गया था। इसमें शिकायत की गई थी की किसी व्यक्ति का आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि कागजात का इस्तेमाल का जीएसटी क्रिएट किया और उसके आधार पर अलग-अलग फॉर्म खोला गया। इन फॉर्मो के साथ ट्रांजेक्शन करके इनपुट टैक्स क्रडिट का फायदा लिया गया और कर वंचना किया गया। यानि जो टैक्स सरकार को देना था वह टैक्स न देकर वंचना किया गया। जो तीन करोड़ रुपये के आस-पास है।

 

 

इस शिकायत के बाद धनबाद के वरीय पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल ने अपनी देख-रेख में एक विशेष टीम गठित कर इस कांड के उद्भेदन के लिए एक्टिव किया। इस टीम ने जब इस फर्जीवाड़े के सूत्र तलाशने शुरू किये तो सभी कड़ियां एक-एक कर जुड़ने लगी। इस मामले में पुलिस ने इस फर्जीवाड़े के सबसे अहम कड़ी सत्यनारायण सिन्हा को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के पूछ-ताछ के क्रम में इस शख्स ने अपने गुनाह भी कबूल कर लिए है। पुलिस ने बताया कि सभी जीएसटी फाइलों में फोन नंबर भी इसी गिरफ्तार आरोपी का ही है लेकिन इस खेल का मास्टरमाइंड ये नहीं कोई और है। जिसकी गिरफ़्तारी से पहले पुलिस उसके खिलाफ पुख्ता सबूत के साथ साथ उसकी जड़ें भी तलाश रही है।

 

 

आज इस मामले में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए धनबाद के डीएसपी (विधि व्यवस्था) मुकेश कुमार ने बताया कि गिरफ्तार शख्स लोगों के रिटर्न फाइल करने के नाम पर उनके कागजात लिया करता था। ये लोगों के रिटर्न तो फ़ाइल कर दिया करता था लेकिन उनके कागजातों की फोटो कॉपी यह अपने पास रख लिया करता था। उन्ही कागजातों के आधार पर तीन अलग अलग फॉर्म खोले गए। जिसमे सिन्हा इंटरप्राइजेज, बालाजी इंटरप्राइजेज और एक अन्य फॉर्म शामिल है। इन फॉर्मो से जिला के अन्य कंपनियों के साथ ट्रांजेक्शन किया गया और फिर फर्जी कागजात बना करके लगभग तीन करोड़ रुपये का टैक्स यानि कर वंचना किया गया।

 

देखें गिरफ्तार शख्स का वीडियो-

 

 

वहीं गिरफ्तार शख्स सत्यनारायण सिन्हा ने बताया कि वह 20 हजार रूपये के मासिक वेतन पर झरिया के राजबाड़ी रोड निवासी कोल व्यवसायी अभिषेक आनंद के लिए काम किया करता है। अभिषेक आनंद के पास ऐसे 8 से 10 फॉर्म है। गिरफ्तार शख्स उसी के इसारे पर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहा था।

 

 

सूत्रों कि माने तो ये पूरा खेल कोयला के गोरख धंधे से जुड़ा है और इसमें कई सफेदपोश भी शामिल है। माना जा रहा है कि पुलिस को उन सभी शातिर सफेदपोशो के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले है। जल्द ही पुलिस इस मामले में बड़ा खुलासा कर सकती है।

 

 

 

 

 

 

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