पाकुड़: बाढ़ में पुल तो बह गया, अब सवेंदक और अभियंता पर गिरेगी गाज

AJ डेस्क: पिछले सप्ताह झारखण्ड में हुई भीषण बारिश के बाद पाकुड़ जिले के महेशपुर प्रखंड के बांसलोई नदी पर 5.98 करोड़ रुपये की लागत से बने चंडालमारा-घाटचोरा पुल के ध्वस्त होने के जिम्मेवार तकरीबन आधा दर्जन अभियंताओं व संवेदक के खिलाफ एफआइआर दर्ज की जाएगी।यह जानकारी खुद ग्रामीण विकास विभाग के कार्यपालक अभियंता अशोक कुमार ने शनिवार को दी है।

 

 

 

 

उन्होंने बताया कि तत्कालीन कार्यपालक अभियंता लेवा मिंज व उपेन्द्र पाठक, सहायक अभियंता परशुराम सत्यवादी तथा राजकुमार भारती, कनीय अभियंता मदनमोहन सिंह व परमानंद साह के साथ ही संवेदक मेसर्स जमाल कंस्ट्रक्शन को दोषी पाते हुए उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई हेतु विभागीय सचिव को जांच रिपोर्ट भेजी गई है।उनका आदेश मिलते ही तत्कालीन सभी जिम्मेवार अभियंताओं, जिनकी देखरेख व अनुश्रवण में पुल निर्माण का काम करवाया गया था उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी जाएगी।

 

 

 

 

उधर मिली जानकारी के अनुसार उक्त पुल के संवेदक मेसर्स जमाल कंस्ट्रक्शन ने ग्रामीण विकास विभाग को शपथ पत्र के जरिए व्यक्तिगत खर्च पर ध्वस्त पुल का पुनर्निर्माण करवाने का आश्वासन दिया है। उल्लेखनीय है कि गत सप्ताह कई दिनों तक हुई लगातार मूसलाधार बारिश की वजह से बांसलोई नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया था। जिसके बाद नदी में आई पानी के तेज बहाव में पुल के दो पायों सहित उसका उपरी हिस्सा भरभरा कर गिर गया था।

 

 

वहीं पुल ध्वस्त होने की जानकारी मिलते ही डीसी कुलदीप चौधरी ने मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी।जिसके मद्देनजर ग्रामीण विकास विभाग दुमका के अधीक्षण अभियंता प्रकाश चंद्र बिरूआ ने उसकी जांच किया था। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के मंतव्य के साथ अपनी जांच रिपोर्ट विभागीय सचिव को भेजी है।

 

 

 

 

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