झरिया विधान सभा: “हम छह” में से किसी एक को मिले टिकट, तब भाजपा की जीत तय
AJ डेस्क: झरिया विधान सभा क्षेत्र जिसे भाजपा का गढ़ भी कहा जाता है। इस सीट पर पिछले डेढ़ दशक से एक ही परिवार के लोग भाजपा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इस परिवार के भाजपा में शामिल होने से वर्षों पहले से जो नेता, कार्यकर्ता जनसंघ से लेकर RSS तक का झंडा ढोते रहे हैं, वह कहीं न कहीं से पार्टी का टिकट मिलने का सपना संजोए हुए हैं। इन नेताओं की उपलब्धि सिर्फ इतनी है कि यह धरातल से जुड़े रहे हैं और किसी भी परिस्थिति में पार्टी का साथ नही छोड़े हैं।
मुख्यमंत्री रघुवर दास आज जन आशीर्वाद रथ यात्रा के साथ झरिया भी पहुंच रहे हैं। मुख्यमंत्री के झरिया आगमन की पूर्व संध्या पर भाजपा के वरिष्ठ नेता हरीश जोशी, राज कुमार अग्रवाल, महाबीर पासवान, श्री राम यादव, उचित महतो और वीरेंद्र शर्मा ने एकता का परिचय देते हुए संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि उन्होंने रांची से दिल्ली तक टिकट की दावेदारी की है। पार्टी के हाई कमान इन छह में से किसी एक को भी झरिया से प्रत्याशी बना देता है तो हम झरिया सीट भाजपा की झोली में डाल देंगे।
भाजपा के छह वरिष्ठ नेताओं के इस प्रेस कांफ्रेंस का कई मायने निकाला जा रहा है। पार्टी में रहते हुए इन्होंने सिंह मेंशन का खुलकर विरोध नही किया है लेकिन यह जरूर कहा है कि “हम छह” में से किसी एक को टिकट मिला तो झरिया सीट भाजपा की झोली में जाएगा। सिंह मेंशन के भी हालात बदले हुए हैं। विधायक संजीव सिंह नीरज हत्या कांड के आरोप में जेल में बन्द हैं। संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह पूरी तरह घरेलू महिला हैं। लोक सभा चुनाव के पहले वह सार्वजनिक रूप से जनता के बीच थी भी नहीं।
विधायक के कुछ खासमखास लोग ही क्षेत्र में रागिनी सिंह का प्रोग्राम तय करते हैं और वही चुनावी रणनीति बनाते हैं। इस टीम में कई ऐसे भी चेहरे हैं जो खुद नगर निगम का वार्ड का चुनाव नही जीत सके हैं। इस तरह के कई बिंदुओं पर फोकस कर दूसरे लोग अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं।
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