“आत्म विश्वास” की कमी झलक रही झरिया के भाजपाईयों में

AJ डेस्क: टैक्सी स्टैंड, सुनकर ही लगता है होगा छोटा सा स्थान। यदि आपको भी ऐसा लग रहा है तो आप गलत नहीं हैं। झरिया का चार नम्बर टैक्सी स्टैंड एक सड़क पर ही तो है। पन्द्रह-बीस टैक्सियों के खड़ा हो जाने के बाद वहां जाम की स्थिति उतपन्न हो जाती है। फिर सूबे के मुख्यमंत्री का जन सभा के लिए इस जगह के चयन के पीछे का राज क्या है। क्या झरिया के भाजपाईयों का आत्म विश्वास कमजोर पड़ गया है?

 

 

 

 

साधारण दिनों में भी सड़क जाम की समस्या से कराहने वाला झरिया का मेन रोड, चार नम्बर किसी भी बड़े नेता के जन सभा के लिए उपयुक्त नहीं माना जा सकता। पर्व त्यौहार के मौके पर तो इस रास्ते में पैदल चल पाना मुश्किल हो जाता है। फिर मुख्यमंत्री के जन सभा से यहां कितनी की आबादी लाभान्वित हो पाएगी। जन आशीर्वाद यात्रा का मकसद ही है कि मुख्यमंत्री सीधे सीधे अधिक लोगों तक सरकार की उपलब्धि बता सकें। झरिया के एक रोड पर आयोजित मुख्यमंत्री के जन सभा में कितने लोग पहुंच पाएंगे।

 

 

लोदना बनियाहीर होते हुए मुख्यमंत्री का काफिला चार नम्बर टैक्सी स्टैंड पहुंचेगा। स्वभाविक है झरिया के लोग मुख्य मंत्री का भाषण सुनने के लिए वहां जाना चाहेंगे। लेकिन जिसने भी झरिया को नजदीक से देखा है, वह अनुमान लगा सकता है कि टैक्सी स्टैंड तक कितने लोग पहुंच पाएंगे।

 

 

 

 

अब यहां सवाल उठता है कि यदि शहर में ही जन सभा आयोजित करना अनिवार्य था तो क्या चिल्ड्रेन पार्क या ब्लॉक कार्यालय के समीप मैदान नही था। पूर्व में कई दिग्गज नेताओं का चिल्ड्रेन पार्क में आम सभा आयोजित हो चुका है। यहां यह सवाल उठता है कि क्या आयोजक को खुद पर भरोसा नही था क्या। बड़े मैदान में प्रोग्राम कराने की स्थिति में वह उतनी भीड़ नही जमा कर सकते थे क्या। अभी तो दो चार हजार की भीड़ में ही टैक्सी स्टैंड खचा खच भरा हुआ नजर आएगा। इससे मुख्यमंत्री और आयोजक दोनों ही खुश।

 

 

 

 

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